रांची: आदेश का पालन नहीं करने पर हाईकोर्ट ने गुरुवार को झारखंड की कार्मिक सचिव वंदना दादेल पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन करने में पहले ही काफी समय लिया गया है। अब समय नहीं मिलेगा। सचिव की ओर से प्रक्रिया लंबी होने व समय लगने की बात कहने पर अदालत ने आठ सप्ताह का समय देकर आदेश का पालन करने को कहा। इस मामले की सुनवाई करते हुए पूर्व में अदालत ने वंदना को 28 अप्रैल को कोर्ट में सशरीर हाजिर होने को कहा था। वह हाजिर हुईं और उनका पक्ष अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने रखा। उन्होंने अदालत को बताया कि मामले में सभी कार्रवाई तेजी से की जाएगी और अदालत के आदेश का पालन होगा। इसके बाद अदालत ने आठ सप्ताह बाद सुनवाई निर्धारित की।
इस संबंध में मनव्वर आलम ने याचिका दायर की है। मनव्वर आलम आरआरडीए में पदस्थापित थे। उन्हें 2017 में बर्खास्त कर दिया गया था। विभागीय कार्यवाही की रिपोर्ट के बाद उन्हें बर्खास्त किया गया। अपनी बर्खास्तगी आदेश को मनव्वर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिका में कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव, उप सचिव और उपायुक्त सह आरआरडीए के अध्यक्ष को प्रतिवादी बनाया। इसमें कहा गया था कि विभागीय कार्यवाही के निष्कर्ष के खिलाफ उन्होंने सक्षम फोरम में अपील दायर की। लेकिन उनकी अपील पर कोई सुनवाई नहीं की गयी। अपील लंबित रहने के दौरान ही उनका बर्खास्तगी आदेश जारी कर दिया गया। अदालत से उनकी अपील पर सुनवाई करने का आग्रह किया गया।