झारखंड में पहली बार बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए गुरुवार से पीसीवी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई। पहला टीका हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता की निगरानी में लगाया गया। इस वैक्सीन की शुरुआत अप्रैल और मई 2021 में जन्मे बच्चों से की जाएगी। जो भी बच्चे इस दौरान जन्म लेंगे उन्हें इस वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी। अगले साल से इसे केंद्र सरकार के मिशन इंद्रधनुष योजना में शामिल कर लिया जाएगा।
इस वैक्सीन का तीन डोज बच्चों को दिए जाएंगे। पहला डोज एक से डेढ़ महीने के बच्चों को दिया जाएगा। फिर उसी बच्चें को दूसरा डोज 3.5 माह पूरा होने पर दिया जायेगा और तीसरा डोज आखिरी बूस्टर डोज के तौर पर 9 माह पूरे होने पर दिया जाएगा।
अभी तक नियमित टीकाकरण में टीबी, काली खांसी, टेटनस, खसरा,पोलियो, हेपेटाइटिस बी, जेई, रोटा वायरस और रुबेला बीमारी के लिए दिया जाता रहा हैं।
वहीं हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य नीति के आलोक में कुछ कार्यक्रमों का स्वास्थ्य सूचकांक राष्ट्रीय औसत से आगे हैं। झारखंड में शिशु मृत्यु दर 29 हो गई है जबकि राष्ट्रीय औसत 33 हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की बात कही जा रही हैं ऐसे में पीसीवी ना सिर्फ बच्चों को निमोनिया से बचाएगी बल्कि कोरोना से भी बचाने में सहायक साबित होगी क्योंकि निमोनिया और कोरोना के लक्षण लगभग समान होते हैं।
बता दे कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि राज्य में हर साल 15% बच्चों की मौत का कारण निमोनिया होता हैं। इस टीकाकरण से निमोनिया के कारण हो रहे मौत में कमी आएगी।