अत्याधुनिक तकनीक से पारस अस्पताल के डॉक्टरो ने मरीज की बचाई जान..

Ranchi: चेतना में कमी एवं 65 प्रतिशत ऑक्सीजन की मात्रा के साथ गंभीर स्थिति में 32 वर्ष का नवयुवक पारस एचईसी अस्पताल में भर्ती हुआ। मरीज़ के परिजनों ने बताया कि मरीज़ को पिछले दो-तीन दिनों से उल्टी, ज्वर एवं सांस लेने में परेशानी हो रही थी। मरीज की गंभीर स्थिति को देखते ही तुरंत पारस एचईसी अस्पताल के डॉक्टरो ने मरीज की जांच की। जाँच में मरीज़ को स्क्रब टाइफ़स से ग्रसित पाया गया।

मरीज़ को चलने में भी हो रही थी परेशानी….
मरीज़ स्क्रब टाइफ़स से ग्रसित था जिसके कारण मरीज़ को चलने में भी परेशानी हो रही थी। साथ ही मरीज़ में गंभीर ARDS के कारण उसे पेट के बल लिटाकर वेंटीलेटर के माध्यम से कृत्रिम सांस दिया गया। मरीज़ को दो बार प्रोनिम और व्यापक स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक दिया गया। डॉक्टर के अत्यंत प्रयास के बाद मरीज़ को होश आया। इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज के सीने का पुनः एक्सरे किया जिसमें चिकित्सकों ने पाया कि उसमें काफ़ी सुधार हुआ है। मरीज की स्थिति पूर्ण रूप से सुधारने के बाद वेंटीलेटर से हटाकर सामान्य वार्ड में भेज दिया गया है।

फिर से बिगाड़ी मरीज़ की स्थिति….
मरीज की स्थिति सुधारने और वेंटीलेटर से हटाकर सामान्य वार्ड में भेजने के तीन दिनों बाद मरीज़ को फिर से बुख़ार आ गया। तत्पश्चात चिकित्सकों ने मरीज़ की माइक्रोबायोलॉजिकल जाँच की जिसके बाद एंटीबायोटिक में बदलाव और मरीज़ में फिर से ज्वारमुक्त की पुष्टि की गई। स्क्रब टाइफ़स के इलाज के लिए मरीज़ को स्टेरॉयड दिया गया। जिसके बाद मरीज़ की हालत में काफ़ी सुधार आया। अब मरीज़ पूरी तरह से ठीक है और उसे अस्पताल से आवश्यक सलाह के साथ छुट्टी दे दी गई।

मिलती है उत्कृष्ट और सर्वोत्तम इलाज….
पारस एचईसी अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने कहा की हमें गर्व है की पारस परिवार अपने अत्याधुनिक संसाधनों के साथ मरीज़ों को उत्कृष्ट और सर्वोत्तम इलाज की सुविधा देने में हर दिन नई ऊँचाइयों को छु रहा है।

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