आर्का जैन यूनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षांत समारोह का आयोजन, राज्यपाल बोले- चुनाव आयोग का लिफाफा कब खुलेगा यह मेरी मर्जी..

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस अर्का जैन विश्वविद्यालय गम्हरिया के दीक्षांत समारोह में पहुंचे। जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान झारखंड के वर्तमान राजनीतिक हालात पर किए गए सवालों का जवाब दिया। जब उनसे पत्रकारों ने पूछा कि निर्वाचन आयोग का लिफाफा अब तक क्यों नहीं खोला गया और अगर खोल लिया गया है तो इस पर वह कुछ बोल क्यों नहीं रहे। अब जबकी झामुमो की तरफ से इस संबंध में आरटीआइ भी दाखिल कर दिया गया है। इसका जवाब देते हुए राज्यपाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग का लिफाफा कब खोला जाएगा यह मेरी मर्जी है। यह पूर्ण रूप से मेरा अधिकार है। इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकूंगा। वहीं राज्य सरकार से राज्यपाल के रिश्तों के बारे में जब पूछा गया कि आपकी बार-बार राज्य सरकार से लड़ाई क्यों हो जाती है। इसका जवाब देते हुए राज्यपाल ने कहा कि झगड़ा होगा तभी तो बात बनेगी। राज्य में तमाम तरह की शैक्षणिक व्यवस्थाएं सुधारी जा रही है। कालेजों में जेपीएससी द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह इस राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहते हैं।

झारखंड के बच्चे न जाए बाहर..
बता दें कि अर्का जैन विश्वविद्यालय गम्हरिया के प्रथम दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि झारखंड के बच्चे शिक्षा के लिए बाहर न जाए, यहीं उनका मुख्य उद्येश्य है। जिस पर राज्य सरकार द्वारा भी काम किया जा रहा है। वहीं इसके परिणाम भी सामने आ रहे है , राज्य में कई निजी विश्वविद्यालय खुले है। सरकारी विश्वविद्यालय भी अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। राज्यपाल ने बताया कि उन्हें खुशी है पहले की तुलना में पढ़ाई करने के लिए बाहर जाने वाले छात्रों की संख्या कम हुई है। जिसमें आशा है कि आने वाले दिनों में इसके और भी सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे। वहीं राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के चार पीएचडी धारको और 31 छात्रों को गोल्ड मेडल दिया।

निजी विश्वविद्यालयों को करना होगा खुद को साबित..
दरअसल अर्का जैन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस ने अपने दीक्षांत भाषण के दौरान निजी विश्वविद्यालयों के बारे में कहा कि उन्हें खुद को साबित करना होगा। उन्हें खुशी है कि अर्का जैन विश्वविद्यालय इस दिशा में कदम आगे बढ़ा चुका है। बता दें कि इस विश्वविद्यालय में 35 प्रतिशत छात्राएं अध्ययनरत है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह का विश्वविद्यालय होना बहुत बड़ी बात है।