राज्य के प्रमुख मंदिरों में दर्शन और पूजा करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था की जाएगी। वहीं , झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास पर्षद की तरफ से इसकी कवायद शुरू हो गई है |जिसके लिए पहले सभी मंदिरों को न्यास परिषद से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। आपको बता दें कि राज्य के 678 मंदिरों को इस सूची में शामिल किया गया है ,लेकिन अब तक 94 मंदिरों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं ,बाकि मंदिरों के रजिस्ट्रेशन कराने के लिए न्यास बोर्ड ने नोटिस भेज दिया है | इस बात की जानकारी विधि विभाग के प्रधान सचिव सह न्यास पर्षद के प्रभारी प्रशासक संजय प्रसाद ने दिया है |
गुरुवार को न्यास पर्षद के कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पर्षद के प्रभारी प्रशासक संजय प्रसाद ने कहा कि राज्य के सभी मंदिरों, धर्मशाला, मठ, ट्रस्ट को कॉमन प्लेटफॉर्म देने के लिए इस वेबसाइट का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें सभी मंदिरों की जानकारियां उपलब्ध रहेंगी | इतना ही नहीं मंदिरों व धर्मशाला से लेकर वहां जाने पर ठहरने की व्यवस्था की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी । जिससे दूसरे शहर या प्रदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी । वहीं , सभी मंदिरों को रजिस्ट्रेशन के लिए नोटिस भेजा गया है।साथ ही ,रजिस्टर्ड होने पर मंदिरों को अपनी वार्षिक आय का लेखा-जोखा भी सार्वजनिक करना होगा। आपको बता दें कि झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास पर्षद को आमदनी का पांच फीसदी देना होगा।जानकारी के अनुसार , न्यास परिषद मंदिरों के पंडित, पंडा की समस्याओं को भी दूर करेंगे और प्रशासन की व्यवस्था पर भी अहम फैसला लिया जायेगा |
जानकारी के अनुसार ,राज्य में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख मंदिरों के आसपास धर्मशाला का निर्माण कराया जाएगा। जिसकी बुकिंग ऑनलाइन की जाएगी | वहीं , न्यास पर्षद इसके निर्माण में सरकार और मंदिर के बीच कड़ी का काम करेगी । दरअसल ,झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास परिषद ने 2014 के बाद से तेजी से काम नहीं किया है। वहीं ,पिछले 6 वर्षों से यहां अस्थाई अध्यक्ष और दो सदस्य भी नहीं है और कर्मचारियों की भी कमी है। जिसकी वजह से मंदिरों के सर्वे का काम भी नहीं हो पाया है।