झारखंड सरकार ने 11 नवंबर को एक दिन का विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला किया है। कैबिनेट से मिली स्वीकृति के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विशेष सत्र बुलाने संबंधी प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दे दी है। इसके बाद मंगलवार को विशेष सत्र संबंधी औपचारिक कार्यक्रम को स्वीकृति के लिए राजभवन भेज दिया गया। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति मिलते ही ये विशेष सत्र आहूत करने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
कयास लगाए जा रहे हैं कि झारखंड विधानसभा का ये एक दिवसीय विशेष सत्र, सरना धर्म कोड को लेकर बुलाया जा रहा है। इसमें झारखंड विधानसभा द्वारा इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित कर उसे केंद्र सरकार को भेजा जा सकता है। उक्त प्रस्ताव के जरिए 2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड के कॉलम की मांग की जाएगी। हालांकि यह अभी बहुत स्पष्ट नहीं है कि प्रस्ताव में सरना धर्म कोड या आदिवासी कोड की मांग होगी। सूत्रों का कहना है कि यूपीए की शीर्ष स्तर पर होने वाली बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों ही दुमका में सरना धर्म कोड को लेकर स्थापना दिवस से पूर्व झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की थी।
दरअसल, राज्य के आदिवासी संगठन पिछले कई वर्षों से सरना धर्म कोड और आदिवासी धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन करते आ रहे है। आदिवासी संगठनों का आंदोलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। धर्म कोड की मांग को लेकर रांची में आदिवासी संगठनों ने सम्मेलन, रैली और यहां तक की उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है।