जामताड़ा: बुजुर्गों का अकेलापन व अवसाद दूर करने के लिए झारखंड के जामताड़ा जिले में प्रशासन ने अनोखी पहल की है। यह सूबे का पहला जिला है जहां हर प्रखंड में ओल्ड एज क्लब का निर्माण हो रहा है। यहां खेल व मनोरंजन समाग्री, पुस्तकें होंगी। दिसंबर से इसकी शुरुआत हो जाएगी। जामताड़ा में छह प्रखंड मुख्यालयों में क्लब बनाए जा रहे हैैं। जीवन के अंतिम पड़ाव में सुकून देने की यह उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज की है। इसके लिए पांच-दस साल से बेकार पड़े भवनों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। ओल्ड एज क्लब में एलईडी टीवी, इनडोर व आउटडोर खेल सामग्री, विभिन्न भाषाओं में धार्मिक व साहित्यिक पुस्तकें उपलब्ध होंगी, ताकि बुजुर्ग अपने तनावमुक्त होकर समय व्यतीत कर सकें। यहां समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। बुजुर्गों की समिति ही क्लब का संचालन करेगी। इसकी निगरानी प्रखंडस्तरीय अधिकारी करेंगे।
15 नवंबर को हुई थी मंत्रणा..
इस सोच को धरातल पर उतारने के लिए उपायुक्त ने झारखंड स्थापना दिवस पर 15 नवंबर को 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों से मंत्रणा की थी। बुजुर्गों ने इसकी जरूरत बताई और पहल की सराहना की। अगले ही दिन से बेकार व पुराने पड़े सरकारी भवनों का जीर्णोद्धार शुरू करवा दिया गया। क्लब निर्माण में 15वें वित्त आयोग व अन्य स्वैच्छिक मदद से मिली राशि खर्च की जा रही है। जरूरत के अनुसार प्रत्येक प्रखंड में एक से तीन लाख रुपये तक खर्च होंगे।
ऐसे आया विचार..
डीसी की सोच है कि क्लब में जब बुजुर्ग जुटेंगे तो विभिन्न मुद्दों पर मंत्रणा करेंगे। इससे सामाजिक सद्भावना का विकास होगा। उपायुक्त ने बताया कि बढ़ती आयु के साथ एकाकीपन, अवसाद बढ़ जाता है। इस कारण बुजुर्गों को जीवन में नीरसता का अहसास होने लगता है। इसी समस्या के निदान के लिए ऐसा विचार मन में आया। बताया कि सुबह से शाम तक क्लब खुला रहेगा। यहां नियमित रूप से आनेवाले महिला-पुरुषों की समय समय पर स्वास्थ्य जांच भी की जाएगी।
बुजुर्गों ने इस पहल को सराहा..
फतेहपुर के सेवानिवृत्त शिक्षक विजय मंडल, चूड़ामणि दास, लखपति मंडल व सेवानिवृत्त अधिकारी दामोदर राय कहते हैं- यह उत्तम पहल है। एक उम्र के बाद घर का माहौल बोझिल लगने लगता है। हमउम्र लोग एक साथ नहीं मिल पाते। इससे कई अन्य समस्याओं से निजात मिलेगी। अच्छी सोच के साथ बेहतर तरीके से समय कटेगा।
वहीं जामताड़ा उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज ने कहा कि बुजुर्गों की मानसिक व तनावपूर्ण स्थितियों का सार्वजनिक जीवन में करीब से अनुभव होता रहा है। इसलिए उनके एकाकीपन को दूर करने के लिए क्लब की सोच मन में आई। कृषि समेत अन्य क्षेत्र में उनके अनुभवों का सुझाव भी लिया जाएगा। दिसंबर से क्लब शुरू हो जाएगा। सारी सुविधाएं मुफ्त मिलेंगी।