गढ़वा पुलिस ने भाकपा माओवादी संगठन के पूर्व सब जोनल कमांडर भानु सिंह खरवार को उसकी प्रेमिका वृंदा कुमारी के साथ गिरफ्तार कर लिया है। तलाशी के दौरान उसके पास से एके-47 समेत अन्य हथियार और सामान बरामद हुए हैं। यह पुलिस के लिए बड़ी सफलता है। भाकपा माओवादी संगठन छोड़ने के बाद भानु सिंह खरवार उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के लिए काम कर रहा था। बाद में उसने खुद का संगठन भी खड़ा कर लिया। इसके माध्यम से वह संवेदकों और पंचायत प्रतिनिधियों से लेवी वसूलता था। नहीं देने पर हत्या की धमकी देता था। भानु सिंह खरवार पर विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्जनभर से अधिक मामले दर्ज हैं। यह जानकारी एसपी अंजनी कुमार झा ने रविवार को अपने कार्यालय में दी।
कहां से आया एके-47, पता लगा रही पुलिस..
एसपी अंजनी कुमार झा के अनुसार, भानु सिंह खरवार के पास से एके 47, एक मैगजीन, 20 राउंड गोली, एक काला रंग का पाउच, एक कट्टा, दो राउंड गोली, सात मोबाइल, पावर बैंक, एक डीसी चार्जर, एक सोलर पैनल, दो बैग, एक डायरी बरामद हुआ है। डायरी में लेवी देने वालों का नाम है। उससे पूछताछ की जा रही है। अभी कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। अनुमान है कि टीएसपीसी संगठन में काम करते समय उसे एके-47 हाथ लगा होगा।
रंका, चिनिया, रमकंडा, चैनपुर में था सक्रिय..
एसपी अंजनी कुमार झा कहते हैं कि रंका, चिनिया, रमकंडा, चैनपुर में लगातार उसकी गतिविधि बढ़ रही थीं। उस पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस उक्त इलाकों में उसके ठिकानों पर विशेष छापेमारी अभियान चला रही थी। इसी बीच गुप्त सूचना के आधार पर रविवार को विशेष टीम गठित कर रंका थाना क्षेत्र के जून एवं करी के जंगल में छापेमारी की गई। उस दौरान भानु सिंह खरवार को जंगल में चारों तरफ से घेर कर पुलिस आगे बढ़ने लगी। पुलिस को देखकर भानु सिंह खरवार और उसकी प्रेमिका भागने लगी। सुरक्षा बलों ने दोनों को दौड़ाकर पकड़ लिया।
सरेंडर करने के बाद दो बार गया जेल..
एसपी अंजनी कुमार झा ने बताया कि भानु सिंह खरवार पूर्व में भाकपा माओवादी का सबजोनल कमांडर था। 1 अक्टूबर 2016 को आत्मसमर्पण नीति के तहत उसने सरेंडर कर दिया था। आत्मसमर्पण के उपरांत 2020 में जमानत पर जेल से बाहर आया। जेल से निकलने के बाद ग्रामीणों के बीच दहशत फैलाने का कार्य करने लगा। इसके बाद 2021 में उसे पुनः गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। करीब डेढ़ माह जेल में रहने के बाद फिर जमानत पर निकला और बाहर आया। इसके बाद नक्सली संगठन को सक्रिय कर लड़कों को जोड़कर संगठन का विस्तार करने लगा। रंका, रमकंडा, चिनिया में चल रहे विकास कार्यों में ठेकेदारों से लेवी वसूलने लगा। ठेकेदार व जनप्रतिनिधियों को डराने धमकाने लगा। छापेमारी अभियान में एसडीपीओ रंका सुदर्शन कुमार आस्तिक, इंस्पेक्टर रामजी महतो, थाना प्रभारी वीरेंद्र हांसदा, रमकंडा थाना प्रभारी शिवलाल कुमार गुप्ता, रंका थाना प्रभारी रामेश्वर उपाध्याय, पुलिस अवर निरीक्षक नीतीश कुमार, मोहम्मद इमरान खान आदि शामिल थे।