झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक के बाद एक मुश्किलों में वह घिरते जा रहे हैं। उनके अपने विधायक जहां उनके खिलाफ बागवत का झंडा लहरा रहे हैं, वहीं विपक्षी दल भाजपा भी उन्हें घेरने में पीछे नहीं है। अब झारखंड हाई कोर्ट ने भी हेमंत सोरेन की परेशानी बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए खुद खनन मंत्री की जवाबदेही अपने पास रखने वाले हेमंत सोरेन ने अपने नाम से खनन का पट्टा भी आवंटित करा लिया है। यह मामला पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कुछ दिन पहले उजागर किया था। अब यह मामला झारखंड हाई कोर्ट पहुंच गया है। अदालत ने इसे गंभीर मामला बताया है।
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में पत्थर खनन पट्टे को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने झारखंड सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर और पद के दुरुपयोग का मामला है। जानकारी के अनुसार, शिव शंकर शर्मा ने इस मामले की सुनावाई के लिए झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर रखी है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत को बताया कि हेमंत सोरेन ने पद का दुरुपयोग करते हुए रांची जिले के अनगड़ा में खुद अपने नाम से पत्थर खनन की लीज आवंटित कर ली है। यह संविधान के अनुच्छेद 191 का उल्लंघन है। लाभ के पद पर रहते हुए इस तरह का व्यवसाय नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने पर उस व्यक्ति की सदस्यता समाप्त किए जाने का प्रविधान है।
कोर्ट ने महाधिवक्ता से पूछा- क्या यह पद के दुरुपयोग का मामला नहीं..
उधर, झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि वर्ष 2008 में खनन पट्टा मिला था। वर्ष 2018 में लीज समाप्त हो गया। इसके बाद नवीकरण के लिए आवेदन दिया गया था। शर्तों को पूरा नहीं करने पर लीज नवीकरण रद कर दिया गया। सितंबर 2021 में लीज का आवंटन के लिए के बाद विभाग की ओर से लीज आवंटित कर दी गई। फरवरी 2022 में लीज सरेंडर कर दिया गया। अदालत ने मौखिक रूप से पूछा कि क्या ऐसा करना पद का उल्लंघन नहीं है। इस दौरान अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से रांची उपायुक्त द्वारा धमकी दिए जाने का मामला भी उठाया गया। इस पर महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा यह बिल्कुल गलत आरोप है। प्रार्थी ने इस मामले को सनसनीखेज करने के लिए यह आवेदन दिया है। इस पर अदालत ने सरकार से इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
रघुवर दास ने उजागर किया था यह मामला..
मालूम हो कि कुछ माह पहले भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची में प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कई गंभीर आरोप लगाया था। रघुवर दास ने मीडिया को दस्तावेज जारी करते हुए जानकारी दी थी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने नाम से खनन का पट्टा आपने नाम करा लिया है, जबकि वह खुद इस विभाग के मंत्री भी हैं। कानून का हवाला देते हुए रघुवर दास ने इसे गलत और पद का दुरुपयोग बताया था। उन्होंने हेमंत सोरेन से इस बारे में जवाब मांगा था, लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई। इस बीच यह मामला अदालत पहुंच गया है। कोर्ट की टिप्पणी ने साफ कर दिया है कि यह मामला पद के दुरुपयोग का है और गंभीर भी। अगर यह मामला सही साबित होता है तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधानसभा की सदस्ता तक गंवानी पड़ सकती है। देखना यह है कि अदालत सुनवाई के बाद क्या फैसला देता है। फिलहाल अदालत को इस बात की प्रतीक्षा है कि राज्य सरकार इस संबंध में क्या जवाब देती है।