पीएफ नहीं देने के मामले पर झारखंड में 36 सरकारी निकायों को नोटिस, जल्द होगी जांच..

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने झारखंड की 36 संस्थाओं को नोटिस जारी किया है। आरोप है कि झारखंड सरकार के अलग-अलग निकायों में काम करने वाले ढाई लाख कर्मचारियों का पीएफ नहीं कट रहा है। पीएफ कानून के उल्लंघन के संबंध में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सभी निकायों से जवाब भी मांगा है।

कई सरकारी कार्यालयों में काम कर रहे कर्मचारियों ने इसकी शिकायत की थी। भविष्य निधि आयुक्तालय को और भी माध्यमों से सूचना मिली थी कि राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों के अंतर्गत काम कर रहे परियोजनाकर्मियों, संविदाकर्मियों और आउटसोर्सिंग कंपनियों से जुड़े कर्मियों के भविष्य निधि खाते नहीं खोले गए हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का अनुमान लगाया है कि इनकी संख्या ढाई लाख के आस-पास हो सकती है। इसके संबंध में रांची स्थित भविष्य निधि आयुक्तालय ने सेंट्रल एनालिसिस एंड इंटेलीजेंस विंग से भी इन सरकारी दफ्तरों के दस्तावेज के जांच की अनुमति मांगी है। दोषी पाए जाने पर कानूनी प्रक्रिया के तहत कारवाई की जाएगी। राज्य सरकार के विभागीय सचिवों को भी इसके लिए पत्र लिखा गया है।

भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त ने बताया कि पीएफ कानून और कांट्रैक्ट लेबर एक्ट दोनों के तहत संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों के भी भविष्य निधि खाते होना जरूरी है। वहीं यदि कोई प्रतिष्ठान 20 कर्मचारियों से भी संचालित है तब भी कर्मचारियों का भविष्य़ निधि खाता खोलना अनिवार्य है। जो कर्मचारी आउटसोर्सिंग कंपनी के जरिए अपनी सेवा देते है तो ऐसी स्थिति में आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से भविष्य निधि का योगदान सुनिश्चित करना होगा। पीएफ न कटना जैसी समस्या स्थायी सरकारी कर्मचारियों के साथ नहीं होती है। समूह भविष्य निधि खाते में उनका योगदान होता है।

सरकारी विभागों को दूसरी बार नोटिस भेजकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने जवाब मांगा है। अगर इसके बाद भी सरकारी विभागों द्वारा इस दिशा मे पहल नहीं की गई तो दस्तावेजों की जांच कर तथ्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाई करेगा। दोषी पाई गई सरकारी संस्थाओं के बैंक खातों को अटैच कर उनके लेन-देन तक पर भी रोक लगाया जा सकता है। इसी तरह दो साल पहले रिम्स के 22 करोड़ 50 लाख रुपए का बैंक खाता भविष्य निधि की ओर से अटैच कर लिया गया था।

झारखंड सरकार के श्रमायुक्त ए मुथुकुमार का कहना है कि हमलोग पीएफ नहीं काटने के मामले की जांच कराएंगे। अगर नियम का उल्लंघन पाया गया तो कानूनसम्मत कार्रवाई की जाएगी।

ये है वो संस्था जिन्हें नोटिस भेजी गई है:

झारखंड पुलिस मुख्यालय – थाना ड्राइवर, सैप कर्मचारी

समाज कल्याण विभाग – संविदाकर्मी, दैनिक वेतभोगी, आईसीडीएस कर्मचारी

स्वास्थ्य विभाग- जिला स्वास्थ्य समिति, एड्स कंट्रोल सोसाइटी

राजस्व एवं भूमि सुधार विभागः आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारी

ग्रामीण विकासः मनरेगा, डीआरडीए के कर्मचारी

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरताः मिडडे मील, सर्वशिक्षा अभियान और कस्तूरबा विद्यालय के कर्मचारी

जलसंसाधनः आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारी

उच्च शिक्षा विभाग- विश्वविद्यालयों में संविदाकर्मी, आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारी

गृह विभागः होमगार्ड, अग्निशमन के कर्मचारी

वन विभागः फॉरेस्ट गार्ड, आउटोर्सिंग वाले कर्मचारी

श्रम-नियोजनः आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारी

परिवहन विभागः आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारी

कृषि विभागः आत्मा एवं आउटसोर्सिंग के कर्मचारी

ऊर्जा विभागः उत्पादन, संचरण एवं वितरण निगमों में आउटोसोर्सिंग वाले कर्मचारी

पर्यटन विभाग- पर्यटक मित्र

भवन निर्माण विभाग – भवन निर्माण निगम के कर्मचारी

पशुपालन एवं मत्स्य विभागः गव्य विकास, फ्रोजेन सीमेन बैंक के कर्मचारी

तकनीकी शिक्षा निदेशालयः बीआईटी सिंदरी

नगर विकास विभागः नगर निकायों एवं स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के कर्मचारी

खान विभागः खनिज विकास निगम के कर्मचारी

स्वास्थ्य विभागः झारखंड मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन के कर्मचारी

उद्योग विभागः जिडको के कर्मचारी

इसके अलावा रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी, सहकारिता विभाग, पथ निर्माण विभाग, एनएचएआई, जैप आईटी, आईएसएम-आईआईटी, एम्स देवघऱ, ट्रिपल आईटी रांची, नेशनल ऑयल क़ॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, झारखंड एकेडमिक काउंसिल को भी नोटिस भेज जवाब मांगा गया है।

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