अवागमान होगा सुगम, जल्द ही रांची में दौड़ेगी नियो मेट्रो..

बीते शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में नगर विकास विभाग के अधिकारियों के साथ केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने ने बताया कि केंद्र सरकार शीघ्र ही कई योजनाएं शुरू करने जा रही है। जहाँ राजधानी रांची में आवागमन को सुगम बनाने के लिए नियो मेट्रो कि योजना लाई जाएगी। यह नियो मेट्रो की सुविधा बड़े शहरों मे दौड़ती मेट्रो की तर्ज पर उपलब्ध होगी। इस योजना के संदर्भ में केन्द्रीय सचिव ने राज्य सरकार से प्रस्ताव मांगा है। केन्द्रीय सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने साथ ही यह भी कहा कि राजधानी में आमजनों के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट और घर-घर पानी पहुँच सके, इसकी बड़े पैमाने पर कार्य करने कि आवश्यकता है।

मौके पर मौजूद नगर विकास सचिव विनय चौबे ने जल्द ही रांची के लिए मेट्रो-नियो प्रोजेक्ट का प्रस्ताव बनाकर भेजने कि बात कही। साथ ही यह भी बताया कि राज्य सरकार 24 घंटे घर-घर जलापूर्ति को लेकर भी कई योजनाएं शुरू कर रही है और मदद के लिए केंद्र को शीघ्र ही प्रस्ताव भेजा जाएगा। इस बैठक में केंद्रीय सचिव के अलावा संयुक्त सचिव अमृत अभिजात, नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे, नगर आयुक्त रांची मुकेश कुमार, सूडा निदेशक अमित कुमार, डीएमए निदेशक विजया जाधव और विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

इसके साथ ही इस बैठक में चल रही अन्य योजनाओं की भी चर्चा की गई जिसमें केंद्रीय सचिव ने सुझाव देते हुए कहा कि झारखंड में लाइट हाउस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा कराएं ताकि यह दूसरे प्रदेश के लिए यह एक मॉडल बन सके। क्योंकि झारखंड में यह प्रोजेक्ट दुनिया की लेटेस्ट तकनीक से बनाया जा रहा है।विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस योजना को समय पर पूरा कराया जाएगा। साथ ही पीएम आवास योजना में भी और गति लाने का आश्वासन दिया।

बैठक में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के विषय में विशेष समीक्षा की गई। जिसमें हर रोज के आवागमन की जटिलता कि बात सामने आई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और भी बेहतर करने की बात हुई। ताकि राजधानी जाम मुक्त हो सके। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर राजधानी में महज 15 से 20 सिटी बसें ही चलती हैं, जबकि आंकड़ों के मुताबिक रांची में रोजाना तीन लाख से अधिक लोग एक से दूसरे जगह आनाजाना करते हैं। जो डीजल ऑटो या निजी वाहनों में सफर करते हैं। शहर में रोजाना 30 हजार से अधिक ऑटो का परिचालन होता है। इसके अलावा लोग अपने वाहन से आना जाना करते हैं। इसका बुरा असर शहर के ट्रैफिक पर पड़ता है। ऐसी स्थिति में राजधानी रांची के लिए नियो मेट्रो वरदान साबित होगी।

केंद्र सरकार के नए बजट में बड़े शहरों में मेट्रो की तर्ज पर छोटे शहरों में मेट्रो नियो या मेट्रो लाइट शुरू करने की व्यवस्था है।मेट्रो के मुकाबले ये आधे से भी कम खर्च में बनेंगे। ये छोटे शहरों में होने वाली ट्रैफिक की समस्या को काफी हद तक दूर कर सकते हैं। रबर की टायर पर चलने वाली तीन कोच वाली इस मेट्रो के स्टेशन परिसर के लिए बड़े जगह की जरूरत नहीं होती है। यह सड़क की सतह पर भी चल सकती है। इसमें यात्रियों के बैठने की क्षमता सामान्य मेट्रो से कम होगी। इसके हर कोच में 200-300 लोग सफर कर सकते हैं। इसका मतलब यह कि मेट्रो नियो में एक साथ 700 से 800 लोग सफर कर सकते हैं। इसके लिए सड़क से अलग एक डेडिकेटेड कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। इस मेट्रो सिस्टम से छोटे शहर के लोगों को भी सड़क के जाम से निजात मिलेगी। केंद्र सरकार का मानना है कि इससे छोटे शहरों की परिवहन व्यवस्था भी सुधरेगी। इसको बनाने में खर्च काफी कम आता है। अभी एक एलिवेटेड मेट्रो को बनाने में प्रति किलोमीटर का खर्च 300-350 करोड़ रुपये आता है। अंडरग्राउंड में यही लागत 600-800 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है। जबकि एक मेट्रो नियो या मेट्रो लाइट के लिए 200 करोड़ तक का ही खर्च आता है।