धनबाद में कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने में लापरवाही पर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। धनबाद उपायुक्त ने जिले के इंसिडेंट कमांडर (एमओआईसी), अंचलाधिकारी (सीओ) और प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी (बीडीओ) का वेतन स्थगित करते हुए इन अधिकारियों से 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही उनके क्षेत्र के सभी संक्रमितों को अस्पताल भेजने के निर्देश दिया है।
दरअसल, कोरोना महामारी संक्रमण के प्रसार को रोकने और उचित प्रबंधन के लिए डीसी उमा शंकर सिंह ने इंसिडेंट कमांडर के रूप में पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की थी। इसके तहत सभी इंसिडेंट कमांडर को अपने-अपने क्षेत्राधिकार में कोरोना संक्रमित मरीजों को संबंधित प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के साथ समन्वय कर थाना प्रभारी, आईडीएसपी सेल धनबाद के सहयोग से डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर एवं डेडिकेटेड अस्पताल में भेजना था।
उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने बताया कि सोमवार को कोविड मामलों को लेकर समीक्षा की गई। इस दौरान पाया गया कि कुछ संक्रमित मरीज डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर एवं डेडिकेटेड अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती नहीं कराए गए हैं। इनमें से अधिकांश धनबाद नगर निगम क्षेत्र के ही हैं। यहां के इंसिडेंट कमांडर और प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी धनबाद की जिम्मेदारी थी कि तत्काल संक्रमित मरीजों को अस्पताल में शिफ्ट कर उनकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाए। इस जिम्मेदारी को अंचलाधिकारी धनबाद, प्रखंड विकास पदाधिकारी धनबाद एवं प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी धनबाद ने नहीं निभाया। साथ ही इससे संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई है। इसे जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार धनबाद ने गंभीरता से लिया है।
उपायुक्त ने बताया कि इस परिस्थिति में अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी धनबाद का अगले आदेश तक वेतन स्थगित करते हुए इस संबंध में 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही अपने क्षेत्राधिकार अंतर्गत अविलंब 12 घंटे के अंदर सभी कोरोना संक्रमित मरीजों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर एवं डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया है।