7 मार्च को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार झारखंड आ रहे हैं। आपको बता दें कि शरद पवार रांची आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात करेंगे। वहीँ ,इस बात की प्रबल संभावना है कि शरद पवार मुख्यमंत्री से उनके मंत्रिमंडल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की भागीदारी को लेकर बातचीत करेंगे। हालांकि ,राज्य में झामुमोनीत गठबंधन सरकार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का समर्थन प्राप्त है।साथ ही , हुसैनाबाद, पलामू के एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह पहले से ही सीएम हेमंत सोरेन के साथ खड़े हैं। अब सरकार में एनसीपी के शामिल होने पर उनके मंत्री बनने की अटकलें तेज हो गई हैं।
रविवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार हरमू मैदान में पार्टी की प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे।वहीं , उनके साथ महासचिव प्रफुल्ल पटेल, महिला राकांपा अध्यक्ष फौजिया खान, युवा अध्यक्ष धीरज शर्मा और छात्र संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया दुहन समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी सम्मेलन में शामिल रहेंगे । इस बात की जानकारी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह और युवा नेता सूर्या सिंह द्वारा दी गई |
इधर , एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल में दावेदारी को लेकर कहा है कि यह मुख्यमंत्री का विशेष अधिकार है। आपको बता दें कि एनसीपी यूपीए का एक अहम अंग है और राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर बिना किसी शर्त के उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार का समर्थन किया है।उन्होंने बोर्ड-निगम में पार्टी की भागीदारी संबंधी सवाल पर कहा कि अभी इस विषय पर कोई बात नहीं हुई है।
साथ ही ,कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि राज्यस्तरीय सम्मेलन की तैयारियां भी पूरी कर ली गई है।जिसमें चौबीस जिलों से बीस हजार से ज्यादा कार्यकर्ता इस सम्मलेन में भाग लेंगे।साथ ही ,उन्होंने दावा किया कि शरद पवार के आगमन से कार्यकर्ताओं में नई जोश व उत्साह पैदा होगा। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह ने कहा की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भविष्य में होने वाले चुनावों में भी मजबूती से भागीदारी लेगी और लोकसभा की तीन व विधानसभा चुनाव में 10 से 12 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है।उन्होंने कहा कि शरद पवार को यूपीए गठबंधन का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।वहीं , देश की तमाम धर्मनिरपेक्ष पार्टियां उनके साथ है |आगे उन्होंने बताया कि आज देश में किसान आंदोलनरत है , लेकिन केंद्र में मंत्री रहने के दौरान उन्होंने किसानों का 80 हजार करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ कर दिया था। शरद पवार ने धान एवं गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाकर दोगुना कर दिया था।