फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एवं झारखण्ड सरकार के माइंस विभाग के सचिव के श्रीनिवासन ने विभागीय कार्यालय में बैठक की। बैठक के दौरान स्टील उद्योग में लगी इकाइयों को आयरन-ओर आपूर्ति के संबंध में सविस्तार चर्चा की गयी। इस विषय पर चैंबर द्वारा आग्रह किया गया कि सूबे में वैसी माइंस लीज जो 2020 में समाप्त हो गयी हैं, उनका पुनः विनियोजन किया जाए। इस पर सचिव ने आश्वासन देते हुए कहा कि इसकी कार्रवाई शुरू हो गयी है और इसका परिणाम भी शीघ्र ही देखने को मिलेगा।
बैठक में नए माइनिंग ब्लॉक की पहचान और उसपर आवंटन के लिए कार्रवाई पर भी सविस्तार चर्चा हुई। इस पर विभागीय सचिव द्वारा सकारात्मक रुख देखने को मिला। फिलहाल सरकार के पास आयरन-ओर की गुणवत्ता जांच करने के लिए एक ही प्रयोगशाला है, जो हज़ारीबाग़ में स्थित है। लेकिन आनेवाले समय में लौह अयस्क के प्रयोग बढ़ने के कारण पूरे परिमाण की गुणवत्ता जांच एक प्रयोगशाला में संभव नहीं होगी। साथ ही चैंबर ने आग्रह किया कि जिस प्रकार जमशेदपुर में एनएबीएल से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला है, वैसी ही प्रयोगशाला माइंस के नज़दीक स्थापित की जाए। इससे गुणवत्ता की जांच शीघ्र की जा सकेगी।