Covid के कारण कई लोगों पर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा तो कई परिवार के बच्चे भी अनाथ हो गए। इस महामारी के कारण कई बच्चों ने अपने परिवार और अपने माता पिता तक को खो दिया। जिसके कारण आज उनको अपने जिन्दगी जीने के लिए मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। लेकिन अब ऐसे बच्चों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई हैं। दरअसल झारखंड में कई कंपनियों। ने ऐसे अनाथ और बेघर बच्चों की मदद के लिए सोचा हैं। जिसके लिए कंपनियां ऐसे बच्चों को कई सुविधा प्रदान करने जा रही हैं।
भारत कोकिंग कोल लिमिटेड,मैथन पावर लिमिटेड,टाटा स्टील, हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड, एससीसी, डीवीसी ने उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार,धनबाद उमाशंकर सिंह के अनुरोध पर सहयोग प्रदान करने का संकल्प लिया हैं।
धनबाद कोविड कंट्रोल रूम से उन्होंने इस महामारी के कारण प्रभावित परिवारों को संबल साथी योजना के अंतर्गत लाभान्वित करने और उनको दूरगामी सहायता प्रदान करने के लिए ऑनलाइन बैठक की। जिसमें उन्होंने कहा कि इस महामारी से प्रभावित परिवार और बच्चों को मदद पहुंचाने लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार धनबाद ने छोटा सा प्रयास शुरू किया हैं।
इसके तहत प्रभावित परिवार को राशन और सामाजिक सुरक्षा का लाभ और प्रभावित परिवार के बच्चों को प्रशिक्षित करते हुए रोजगार उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। शुरुआत में 150 परिवारों को राशन उपलब्ध कराया जाएगा। जिसके लिए 22 प्रभावित बच्चों की सूची प्राप्त हुई है। इसके साथ ही उपयुक्त ने कहा कि ऐसे प्रभावित बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए अच्छी रणनीति होनी चाहिए। कोई व्यक्ति भूमिहीन है तो राज्य सरकार के संकल्प के अनुसार भूमि सेटलमेंट का प्रपोजल भेजा जाए।
किसी को राशनकार्ड, वृद्धा पेंशन आदि के लिए भटकना ना पड़े ऐसी रणनीति होनी चाहिए। ऐसे लोगों को उनके घर तक जाकर सहायता प्रदान किया जाए तो बेहतर रहेगा।
इस दौरान भारतीय कोकिंग कोल लिमिटेड के निदेशक ने बीसीसीएल द्वारा सभी 22 बच्चों की पढ़ाई के खर्चे के साथ साथ कौशल विकास कराने में सहायता प्रदान करने की बात कही। साथ ही प्रभावित परिवारों को संबल साथी योजना के अंतर्गत किट प्रदान करने के लिए भी कहा। हर्ल के महाप्रबंधक ने प्रभावित बच्चों को दीर्घकालिक रिहैबिलिटेशन के तहत तैयार कर उन्हे आउटसोर्सिंग में रोजगार उपलब्ध कराने को कहा।
इस दौरान एससीसी प्रबंधन ने बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने की जानकारी दी। साथ ही ऐसे बच्चों को 45 दिनों तक कौशल विकास द्वारा सिलाई प्रशिक्षण देकर एनजीओ सही एक्सपर्ट की मदद से गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग के रोजगार से जोड़ा जाएगा। कंपनी ने इसके तहत 110 बच्चों को इसमें जोड़ने का लक्ष्य रखा हैं। प्रशिक्षित बच्चे रेमंड जैसे बड़े कंपनी में काम कर रहे हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास बनाने में कंपनी के तरफ से सीमेंट सहायता दी जाएगी।
वहीं टाटा स्टील झरिया डिवीजन के महाप्रबंधक संजय राजोरिया ने कहा कि बच्चों के 12वी तक की पढ़ाई का खर्च कंपनी उठाएगी। स्कूल ड्रेस से लेकर किताब के साथ साथ कौशल विकास में बच्चों की रुचि के अनुसार सहायता प्रदान करेगी। गरीब तबके के पढ़ने योग्य बच्चो का दाखिला कस्तूरबा विद्यालय में करें। साथ ही उन तक मदद पहुंचाने के लिए बीओ, सीआरपी, बीपीओ और बीआरपी की मदद लें। साथ ही गंभीर बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति के लिए ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित होने कर मुख्यमंत्री असाध्य बीमारी योजना के तहत स्वीकृति 5 लाख रुपए तक की राशि मदद के तौर पर प्रदान करें।इस बैठक में कई गणमान्य लोग मौजूद रहें।
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए गुड न्यूज; BCCL, MPL, HURL, ACC, DVC, TATA समेत कई कंपनियां मदद को तैयार