आदिवासियों और पिछड़ों के आगे बढ़ने से मनुवादियों के पेट में दर्द: सीएम

झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की PT परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर विधानसभा में विपक्ष के आरोपों का CM हेमंत सोरेन ने आज जवाब दिया। विधानसभा में उन्होंने कहा-“पहली बार JPSC में बड़े पैमाने पर अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति(ST), अत्यंत पिछड़ा वर्ग के बच्चे पास हुए हैं। सामान्य कोटे में भी आरक्षित वर्ग के बच्चे पास कर गए हैं। इसके कारण इन मुवादी लोगों के पेट में दर्द हो रहा है।’ हेमंत सोरेन ने कहा- “ये भाड़े के लोगों से आंदोलन करा रहे हैं। आंदोलन करन वाले को अनाज पहुंचाते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि जेपीएससी परिणाम का विरोध कर रहे लोगों में ज्यादातर विश्व ह‍िन्‍दू परिषद के हैं और जब उन्हें आयोग की ओर से बात करने के लिए बुलाया जाता है, तब कोई वहां नहीं जाता। सिर्फ बाहर में प्रदर्शन कर रहे हैं। उधर, विधानसभा में लगातार हंगामे के बीच स्पीकर ने कई बार सदन को स्थगित किया। हंगामे के बीच ही अनुपूरक बजट भी पास हो गया।

नि:शुल्क आवेदन का दलित बच्चों ने उठाया लाभ..
CM हेमंत सोरेन ने सदन में बताया कि पहली बार JPSC के इतिहास में इतने बड़े पैमाने पर आदिवसी , दलित पिछड़ा ने बड़े पैमाने पर अपना किस्मत आजमाया। इतिहास में पहली बार इतनी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से आवेदन को नि:शुल्क कर देने का लाभ अभ्यर्थियों ने उठाया।

JPSC स्वतंत्र, सरकार का कोई दवाब नहीं..
CM हेमंत सोरेन ने कहा कि JPSC पूरी तरह से स्वतंत्र संस्थान है। इस पर सरकार का कोई दबाव नहीं है। सरकार ने संस्थान के कार्यों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। यहां के कोई भी सदस्य साबित कर दें तो मान जाएं कि परीक्षा को टेंपर किया गया है या टेंपर करने की कोशिश की गई है।

पू्र्व CM को JPSC का मतलब भी नहीं पता..
CM ने ‌BJP पर हमला करते हुए कहा कि पूर्व CM रघुवर दास को JPSC का मतलब भी पता नहीं है। उन्होंने कहा कि JPSC का हश्र है कि कुछ अभी जेल में हैं। कुछ की CBI जांच चल रही है। जांच के क्रम में ही उनकी नियुक्ति करा दी गई है। ये 5 साल में एग्जाम भी नहीं करा पाए और अब आरोप लगा रहे हैं।