मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में झामुमो के हफीजुल अंसारी जीते..

मधुपुर विधानसभा उपचुनाव-2021 का परिणाम झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी हफीजुल अंसारी के पक्ष में गया है। अंसारी ने भाजपा प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह को पराजित किया है। मधुपुपर विधानसभा उपचुनाव 17 अप्रैल को हुआ था। रविवार सुबह 8 बजे भारी सुरक्षा व्यवस्था और कोविड-19 गाइडलाइन को पालन करते हुए चरकी पहाड़ी स्थित मतगणनास्थल में वोटों की गिनती शुरू हुई। पहले से पांचवें राउंड तक भाजपा प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह की बढ़त रही। लेकिन छठवें राउंड के बाद झामुमो प्रत्याशी हफीजुल ने वापसी की। इसके बाद उन्होंने बढ़त बनाई तो अंतिम राउंड यानी 24वें राउंड तक बढ़त बरकार रखी। मधुपुर उपचुनाव में JMM उम्मीदवार व मंत्री हफीजुल हसन ने BJP प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह को 5292 वोट से पराजित किया। हफीजुल हसन को 1,10,812 मत मिले। वहीं, BJP के गंगा नारायण को 1,05,565 वोट मिले हैं।हफीजुल अंसारी की जीत के बाद झामुमो गठबंधन के नेता लगातार बधाई दे रहे हैं।

मतगणना में कोविड नियमों का पालन..
मतगणना हॉल में सुबह सात बजे मतगणनाकर्मियों को प्रवेश कराया गया। इस दाैरान कोविड नियमों का पालन किया गया। एक-एक मतगणनाकर्मी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद अंदर प्रवेश कराया गया। इस माैके पर देवघर की उपायुक्त नैंसी सहाय भी उपस्थित थीं।

17 अप्रैल को हुआ था मतदान..
17 अप्रैल को 71.66 फीसद मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया है। जनता के रूझान से इतना तो साफ है कि भाजपा और झामुमो के बीच ही सीधी लड़ाई है। दावा तो दोनों दलों का है। और होना भी लाजिमी है। जब तक परिणाम नहीं आ जाते हैं तब तक तो सब जीतता है। परिणाम आने के बाद एक जीतता और दूसरा पराजित होता है।

गौरतलब है की मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में झामुमो प्रत्याशी राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी की जीत से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रतिष्ठा बच गई है। इस चुनाव में मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर थी। मुख्यमंत्री ने हफीजुल को बगैर विधायक बने अपनी सरकार में मंत्री बना दिया था। अगर हफीजुल की हार होती तो मुख्यमंत्री की किरकिरी होती। हफीजुल की जीत पर कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने ट्वीट कर बधाई दी है।

वहीं मधपुर उपचुनाव से ठीक पहले आजसू नेता गंगा नारायण सिंह भाजपा में शामिल हुए। भाजपा ने पूर्व मंत्री राज पालीवार की दावेदारी को नजरअंदाज करते हुए गंगा नारायण सिंह को प्रत्याशी बनाया। लेकिन उपचुनाव में गंगा कमाल नहीं दिखा सके। उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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