इस साल भी रांची में नहीं निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा..

रांची : हर साल रांची में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। लेकिन कोविड को देखते हुए पिछले एक साल से रथयात्रा नहीं निकाली जा रही है। इस साल भी रांची में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकाली जाएगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। साथ ही जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति धुर्वा को इसकी सूचना भी दी गई है। इस संबंध में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी सह उप सचिव सुशील कुमार ने न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष रामकुमार कटारिया को पत्र लिखकर रथयात्रा निकालने का आवेदन अस्वीकृत किए जाने की जानकारी दी है। इधर, भगवान जगन्नाथ का नेत्रदान अनुष्ठान रविवार को होगा, लेकिन इसमें भक्त शामिल नहीं हो सकेंगे।

जगन्नाथ मंदिर के प्रथम सेवक नवीन नाथ शाहदेव ने बताया कि कोरोना के कारण इस बार भी रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं मिली है। इस कारण पिछले साल की ही तरह कोविड दिशा निर्देशों का पालन करते हुए विधि विधान अपनाया जाएगा। 12 जुलाई के भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की रथयात्रा मौसीबाड़ी नहीं जाएगी। भगवान को मंदिर के बाहर लाकर विराजमान किया जाएगा। पूजा अर्चना करने के बाद 108 बार आरती होगी। फूल प्रसाद वितरण करने के बाद भगवान को फिर मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा।

बता दें कि जगन्नाथ मंदिर न्यास समिति का गठन होने के बाद पहली बैठक 11 जुलाई को मंदिर परिसर में होगी। समिति के सचिव रणेंद्र कुमार ने बताया कि बैठक में समिति सदस्य विधि विधान के साथ पूजा करने और मंदिर के विकास पर चर्चा करेंगे।
बता दें कि कटारिया ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका देकर रांची में रथयात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी। सुनवाई के दौरान शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने कहा था कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार खुद फैसला करें। यदि सरकार मंदिर समिति सेवकों के साथ यात्रा निकालने की अनुमति देती है तो उच्चतम न्यायालय से जारी निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा।

कोरोना के कारण धार्मिक स्थलों से लेकर शैक्षणिक संस्थानों, पार्क आदि सब कुछ बंद कर दिया गया था। राज्य सरकार ने लॉकडाउन को ही सही विकल्प माना था। जिसका असर राज्य पर हुआ और कोरोना संक्रमण की चेन टूटी। कोरोना के रफ्तार में कमी आई। जिसके बाद राज्य सरकार ने धीरे धीरे लोगों को थोड़ी छूट दी। लेकिन अभी भी कई चीजों पर पाबंदियां जारी है। जिसमें रथयात्रा, जुलूस, मेले आदि पर प्रतिबंध शामिल है।

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