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29 अप्रैल के बाद झारखंड में ‘स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह’ लॉकडाउन-2 बढ़ने के आसार..

झारखंड में कोरोना के आंकड़े बताते हैं कि जिंदा रहना अभी सबसे बड़ी चुनौती है. मार्च तक हालात एकदम सामान्य थे लेकिन, अप्रैल की शुरुआत में अचानक कोरोना के केस में बढ़ोतरी शुरू हुई और इस महामारी से मौत के आंकड़े तेजी से बढ़ने लगे. कोरोना से मौत की रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल के 31 मार्च तक जहां कोरोना से 1,113 लोगों की मौत हुई. वहीं, सिर्फ अप्रैल में अब तक 1,002 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं. पिछले सिर्फ सात दिनों में कोरोना से 613 मरीजों ने दम तोड़ा है. अगर यही रफ्तार रही तो झारखंड में और हाहाकार मचेगा. अगले तीन महीने में मौत का आंकड़ा 10 हजार पार कर सकता है. इसमें चिंता की बात ये है कि मौत की रफ्तार हर दिन तेज होती जा रही है.

कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार में कोई कमी न होती देख झारखंड में लॉकडाउन (स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह) की अवधि बढ़ाई जाएगी. सत्ता शीर्ष पर बनी सहमति के अनुसार, महामारी के प्रकोप को देखते हुए अभी लॉकडाउन को जारी रखना ही राज्य के लोगों के हित में है. वहीं आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 29 अप्रैल के बाद राज्य में लॉकडाउन की अवधि 7 से 10 तक बढ़ाई जाएगी.

इसकी अधिसूचना 28 अप्रैल तक जारी कर दी जाएगी, उल्लेखनीय है कि 20 अप्रैल को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 22 अप्रैल की सुबह छह बजे से 29 अप्रैल की सुबह छह बजे तक पूरे राज्य में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. इसे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का नाम दिया गया था. इसके तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़ सख्ती बरती गई थी. राज्य सरकार के इस निर्णय के पीछे उद्देश्य यह था कि राज्य में एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाने से कोरोना की चेन टूटेगी. संक्रमितों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि पर रोक लगाई जा सकेगी, लेकिन संक्रमितों और मौतें के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं.

24 घंटे में टूटे सभी रिकॉर्ड..
झारखंड में पिछले 24 घंटे में कोरोना की वजह से मौत के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए. सोमवार को कोरोना से 124 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. यह एक दिन में झारखंड में कोरोना की वजह से मौत का अब तक का सबसे अधिक मामला है. इससे पहले 24 अप्रैल को 110 और 22 अप्रैल को 106 मरीजों की कोरोना से मौत हुई थी.

तेजी से बढ़ रहा मृत्यु दर..
झारखंड में जिस तरह कोरोना के मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं, उस अनुसार मृत्यु दर भी तेजी से बढ़ रहा है. 31 मार्च तक जहां कोरोना की वजह से मृत्यु दर 0.9% था वहीं, अब यह बढ़कर 1.02% पहुंच गया है. सिर्फ अप्रैल की अगर बात करें तो कोरोना की वजह से मृत्यु दर 1.13% रहा है.

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