कोडरमा जिले के मरकच्चो प्रखंड प्रशासन की सतर्कता से एक नाबालिग बाल विवाह का शिकार होने से बच गई। ये मामला डगरनवां पंचायत के फुटलाही गांव का है जहां एक 14 वर्षीया नाबालिग की शादी उसके पिता द्वारा गिरिडीह जिले के तीसरी प्रखंड में तय की गयी थी। आठ अप्रैल को नाबालिग की बारात आने वाली थी, लेकिन प्रशासन की सजगता से एक नाबालिग वधू बनने से बच गयी।
दरअसल इस बाल विवाह की जानकारी कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के लोगों को मिली थी। जिसके बाद फाउंडेशन के सदस्य मनोज कुमार ने विवाह के एक दिन पूर्व सात अप्रैल को इसकी सूचना प्रखंड प्रशासन को दी। सूचना मिलते ही सीओ रामसुमन प्रसाद, नवलशाही थाना प्रभारी इकबाल हुसैन, सीडब्ल्यूसी सदस्य सुनीता कुमारी फुटलाही स्थित नाबालिग के घर पहुंचे तथा उसके पिता को बाल विवाह नहीं करने की बात कही। सभी इस दिन नाबालिग के परिजनों को समझा बुझाकर वापस आ गए।
आठ अप्रैल की सुबह पुनः प्रखंड प्रशासन को सूचना मिली कि आज नाबालिग की शादी करा दी जाएगी। आठ अप्रैल को ही रात बारात आनी तय हो गयी थी। इस बात की खबर मिलते ही बीडीओ सुकेशीनी केरकेट्टा, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नरेश कुमार, थाना प्रभारी इकबाल हुसैन, सीडब्ल्यूसी सदस्य सुनीता कुमारी आदि फिर से नाबालिग के घर फुटलाही पहुंचे। अधिकारियों ने परिजन से मिलकर बाल विवाह नहीं कराने की बात कही। इस दौरान नाबालिग के अभिभावक से इस संबंध में शपथ पत्र भी भरवाया गया। नाबालिग के परिजन द्वारा युवती के बालिग होने तक शादी नहीं कराए जाने के आश्वासन के बाद प्रखंड प्रशासन की टीम वापस लौटी।