झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण चंद्रपुरा पहुंचे, बोले- सामाजिक कुरीतियां शिक्षित समाज के लिए कलंक

बोकारो: बोकारो जिले के चंद्रपुरा स्थित डीवीसी मैदान में शनिवार को राज्य स्तरीय विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो और जिला प्रशासन बोकारो के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस शिविर के माध्यम से आदिम जनजातियों और समाज के कमजोर वर्गों के बीच कुल 165.44 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण प्रत्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से किया गया।

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न्यायाधीश की अपील: सामाजिक कुरीतियों को खत्म करें

झारखंड हाईकोर्ट के जज और झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने इस अवसर पर कहा कि सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाना ही इस शिविर का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि सरकार की योजनाएं ज़मीन पर उतरें और ज़रूरतमंदों तक पहुंचे। जीवन के लिए रोटी, कपड़ा और मकान अत्यंत आवश्यक हैं। यदि महिलाएं सशक्त होंगी, तो घर, समाज और देश भी सशक्त होगा।”

उन्होंने समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि डायन प्रथा और महिलाओं पर अत्याचार जैसी कुप्रथाएं शिक्षित समाज के लिए कलंक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिरहोर और पहाड़िया जनजातियों को मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है और सभी को मिलकर यह प्रयास करना चाहिए कि इन जनजातियों से ‘आदिम’ शब्द हटाया जा सके।

महिलाओं को सशक्त बनाने वाली योजनाओं का आह्वान

इस अवसर पर जस्टिस प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि यह शिविर समाज के कमजोर वर्ग को लाभ और मजबूती प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया है। कुमारी रंजना अस्थाना ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना ही इस शिविर का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने वाली योजनाओं को निरंतर जारी रखने पर जोर दिया ताकि पूरा समाज विकसित हो सके।

बोकारो जिले में महिलाओं को मिल रहा लाभ

बोकारो जिले की उपायुक्त (डीसी) विजया जाधव ने जिले में चलाई जा रही कल्याणकारी और विकास योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में 3.75 लाख महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना के तहत सहायता राशि प्रदान की जा रही है।

अतिथियों का पारंपरिक स्वागत और स्टॉल का अवलोकन

इस कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत पारंपरिक आदिवासी लोक नृत्य और लोटा-पानी की रस्म के साथ किया गया। शिविर में विभिन्न विभागों सहित सीसीएल, डीवीसी और कई बैंकों की ओर से कुल 25 स्टॉल लगाए गए थे। सीटीपीएस (चंद्रपुरा ताप विद्युत केंद्र) के सीएसआर विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अतिथियों ने विशेष रूप से अवलोकन किया। यहां महिलाओं द्वारा बनाए गए बांस के उत्पादों को न्यायाधीशों ने खूब सराहा। साथ ही, स्थानीय युवकों को डीवीसी आईटीआई के माध्यम से प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया पर भी विशेष ध्यान दिया गया।

कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य व्यक्ति

इस अवसर पर झारखंड हाईकोर्ट के जज जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, कुमारी रंजना अस्थाना, डीआईजी सुरेंद्र झा, डीसी विजया जाधव, श्रीवत्स, कंचन स्मिता टोप्पो, अमित सिन्हा, मो ओवेर, पीके भंडारी सहित कई अन्य अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस शिविर के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों को न केवल सहायता दी गई बल्कि उन्हें जागरूक भी किया गया कि वे अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहें और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं।

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