सरकार की नीतियों के चक्कर में झारखंड के 4900 से ज्यादा युवाओं का भविष्य अधर में है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने अपने 6 पुराने विज्ञापन को रद्द कर दिया। आयोग की तरफ से इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया गया है। रद्द हुए नियुक्ति के विज्ञापन 2018 और 19 के हैं। रद्द विज्ञापनों को नए सिरे से जारी किया जाएगा। इन सभी परीक्षाओं की परीक्षा लगभग ली जा चुकीं हैं। इसमें आयोग ने कहा है कि विभागीय संकल्प संख्या 821 दिनांक 5.2.2021 की कंडिका 4 (ख) के संकल्प से निर्गत होने की तिथि से पूर्व समूह “ख’ अराजपत्रित समूह “ग’ और समूह “घ’ के पदों पर नियुक्ति के लिए वैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं से संबंधित विज्ञापन जो कार्मिक विभागीय संकल्प-3854 से आच्छादित हैं और जिनके अब तक नियुक्ति पत्र निर्गत नहीं किए हैं। उनमें नियुक्ति की प्रक्रिया अपूर्ण मानते हुए सभी विज्ञापनों को निरस्त किया जाएगा।
अलग-अलग नियुक्ति नियमावली में उलझा मामला..
दरअसल, हेमंत सरकार और रघुवर सरकार की नियुक्ति नियमावली का खामियाजा युवाओं को भुगतान पड़ रहा है। जब यह विज्ञापन निकाले गए थे तब राज्य में BJP की सरकार थी और उनकी नियमावली थी। अब जब इनकी नियुक्ति होनी है तब राज्य में महागठबंधन की सरकार है। इन्होंने पुरानी नियुक्ति नियमावली को रद्द कर अपनी नई नियमावली तैयार की हैं।
क्या थी रघुवर सरकार की नियमावली..
रघुवर सरकार की नियुक्ति नियमावली के मुताबिक राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिलों में जिला स्तर के वर्ग 3 और वर्ग 4 के पदों पर नियुक्ति के लिए अगले 10 वर्षों मात्र संबंधित जिले के स्थानीय निवासियों को ही पात्र माने जाने का प्रावधान था।
क्या है हेमंत सरकार की नियमावली..
झारखंड में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय नौकरियों के लिए अब झारखंड के ही किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से 10वीं-12वीं पास होना अनिवार्य होगा। इसको लेकर कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने तमाम परीक्षा संचालन नियमावली में संशोधित प्रारूपों का गजट प्रकाशित कर दिया है। राज्य में परीक्षा संचालन से संबंधित तमाम नियमावलियों में संशोधन को लेकर हाल में ही कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की।