राजधानी रांची के रिम्स अस्पताल में अब मरीज मुंह के कैंसर की जांच ओपीडी में करवा सकेंगे। इस माह के अंत तक डेंटल कॉलेज में ओरल कैंसर डिटेक्शन सेंटर खुल जायेगा। अभी तक सिर्फ समान्य कैंसर के इलाज के लिए ओपीडी की व्यवस्था थी। झारखंड में सबसे अधिक मामला मुंह के कैंसर का आता है, जिसे देखते हुए यह ऐसे मरीजो के लिए लाभ होगा। समय रहते मुंह के कैंसर की पहचान व इलाज हो सकेगी। माउथ व ओरल कैंसर पुरूषों में होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है। मुंह का कैंसर मुंह में कहीं भी हो सकता है। ज्यादातर इसका निदान गाल और मसूड़े में किया जाता है। देखा जाए, तो यह एक प्रकार का सिर और गर्दन का कैंसर है।
मुंह के कैंसर का इलाज हो सकता है: डाक्टर
डेंटल कॉलेज के डा प्रजापति बताते हैं कि मुंह के कैंसर का इलाज हो सकता है, अगर समय से पता चल जाए तो। इसकी रोकथाम की जा सकती है, अगर हम इसका ध्यान रखें। बताते हैं कि भारत में 70 प्रतिशत लोग एडवांस स्टेज में डाक्टर के पास पहुंचते हैं। ऐसे में इलाज कठिन होता है और ठीक होने की संभावना भी कम होती है। इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान करें और शुरुआती स्टेज में डाक्टर के पास जाएं।
शुरुआती अवस्था में दिखाई नहीं देते लक्षण..
डाक्टर के अनुसार, शुरुआती अवस्था में ओरल कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते। धूम्रपान करने वाले और अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने वालों को नियमित रूप से डेंटिस्ट से जांच करानी चाहिए। क्योंकि तंबाकू और शराब मुंह के कैंसर के जोखिम कारक हैं। डेंटिस्ट शुरुआती अवस्थ में लक्षण का पता लगा सकता है।