Jhupdate: नक्सल प्रभावित राज्यों के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा आयोजित बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री के हेमंत सोरेन भी शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि इस झारखंड में उग्रवाद की समस्या में कमी आयी है, लेकिन इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति जारी रखने की जरूरत है। कम से कम 3 वर्ष राज्य में प्रतिनियुक्त IG CRPF का कार्यकाल रखा जाय, ताकि निरंतरता जवान नक्सल अभियान में बनी रहे। गृहमंत्री के साथ हुई बैठक में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओड़िशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, यूपी व पश्चिम बंगाल राज्य भी शामिल हुए। राज्य के सीएम के अलावा वरीय आला अधिकारी भी बैठक में शामिल थे।
मिल रहा है केंद्र का सहयोग….
बैठक में कहा गया कि नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकासोन्मुखी योजनाएं व्यापक पैमाने पर चलायी जाए जिससे कि उग्रवाद की समस्या की पुनरावृत्ति न हो, जिसके लिए राज्य को संसाधन की आवश्यकता पड़ेगी। झारखंड में नक्सलियों ने बूढ़ा पहाड़ को अपना आश्रय बना रखा था। यह क्षेत्र राज्य सरकार की पहुंच से बाहर था, लेकिन बुढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार का पूरा सहयोग रहा, केंद्र के सहयोग से क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है। बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त करने के बाद वहां पुलिस कैंप की स्थापना की गयी है। जिला प्रशासन द्वारा बुढ़ा पहाड़ में 12 अक्टूबर 2022 को ” आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 27 जनवरी, 2023 को मैंने बुढ़ा पहाड़ जाकर ग्रामीणों से बातचीत की। वहां के छह पंचायत में विकास कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
8 लाख लाभुक को मिले प्रधानमंत्री आवास योजना…
हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी देते हुए कहा कि झारखंड में अभी भी करीब 8 लाख सुयोग्य लाभुक प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित हैं. अनुरोध के बाद भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिए जा रहे है। में सरकार से आग्रह करता हुं की झारखंड के 8 लाख लाभुकों को उनका हक दिया जाए। DMFT की राशि खर्च करने के निमित्त भारत सरकार मार्ग निर्देशिका में परिवर्तन करने जा रही है। जिससे झारखंड को व्यावहारिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
आदिवासी छात्रों को मिले लोन…
सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड में विकास के निमित बैंकों का अपेक्षित सहयोग भी प्राप्त नहीं हो रहा है, जो राज्य के सीडी रेश्यो 45% होने से परिलक्षित होता है। जबकि, राष्ट्रीय औसत करीब 67 प्रतिशत है। बैंकों के इस असहयोग से झारखंड लाखों करोड रुपए के निवेश के लाभ से वंचित हो रही है। बैंक द्वारा राज्य के अनुसूचित जनजाति समुदाय के अभ्यर्थियों को छोटे-छोटे ऋण की सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। मेरा अनुरोध है कि राज्य के अपेक्षित सहयोग प्रदान करने के निर्देश सभी बैंकों को करें, जिससे कि उग्रवाद की समस्या पुनः यहां नहीं पनप सके ।
91 एकलव्य मॉडल रेसीडेंशियल….
केंद्र सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्रालय के द्वारा झारखंड में अब तक 91 एकलव्य मॉडल रेसीडेंशियल स्कूल स्वीकृत किए गए है। जिसमें से राज्य सरकार द्वारा 28 विद्यालयों का निर्माण करना था। जिसमें से 21 विद्यालयों का निर्माण पूरा हो चुका है। 7 विद्यालय का संचालन भी हो रहा है। शेष 14 को इसी वित्तीय वर्ष में चालू करने की योजना है। कार्य भारत सरकार की एजेंसी द्वारा 68 विद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां आदिवासिय संख्या 50% से अधिक है इन ईएमआरएस विद्यालयों की स्थापना उन्हीं प्रखण्डों में हो सकती है , बशर्ते न्यूनतम जनसंख्या 20 हजार होनी चाहिए। राज्य में OSP क्षेत्र में 29 तथा TSP क्षेत्र में 32, अर्थात् कुल 61 ऐसे प्रखण्ड हैं, जहां आदिवासियों की संख्या 20 हजार से अधिक है, परन्तु वे 50% की शर्त का पालन नहीं करते है।कुछ प्रखण्डों में यह जनसंख्या 50 हजार से भी अधिक है। अनुरोध होगा कि EMRS की स्वीकृति के लिए निर्धारित मापदण्ड में 50% की शर्त को समाप्त किया ‘जाय, ताकि आदिवासी बहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों को इस योजना लाभ मिल सके।