रूस की बमबारी से सहमे यूक्रेन में फंसे झारखंड के मेडिकल छात्र, बताई आपबीती..

रांची: रूसी सेना की कार्रवाई से यूक्रेन में पढ़ाई करने गए विद्यार्थियों और उनके स्वजनों चिंता बढ़ गई है। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध और रूस की सेना के हमलों से यूक्रेन में स्थिति लगातार बिगड़ रही है। इस कारण भारतीय छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं। भारतीय छात्र-छात्राओं के सामने यूक्रेन से स्वदेश लौटने का संकट है। वहां पर करीब 25 हजार भारतीय छात्र हैं। इनमें झारखण्ड के अभी तक गोड्डा के तीन, गढ़वा जिले के दो, लोहरदगा के एक तथा रांची से एक विद्यार्थी के यूक्रेन में होने की जानकारी मिली है। बच्चे अपने स्वजनों को वहां के हालात से अवगत करा हैं और छात्रों के स्वजन चिंतित हैं। वह भारत सरकार से छात्रों को सुरक्षित वापस लाने की मांग कर रहे हैं।

यूक्रेन में फंसे गोड्डा के तीन छात्रों में शिवम कुमार सौरभ पिता महादेव पंजियारा, राजवीर कुमार पिता रंजन साह दोनों गुलजारबाग गोड्डा, आदित्य राज पिता विश्वनाथ दास, गंगटा गोड्डा के रहने वाले हैं। इनमें आदित्य के पिता विश्वनाथ दास ने अपने पुत्र के सुरक्षित वापसी के लिए भारत सरकार और झारखंड सरकार से गुहार लगाई है। आदित्य ने फोन पर स्वजनों को बताया है कि यूक्रेन में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहां की सरकार ने हास्टल में ही रहने की एडवाइजरी जारी की है। रूस द्वारा लगातार विमानों हमले किए जा रहे हैं।

लोहरदगा के छात्र यूक्रेन में फंसे..
लोहरदगा के एमबीडीएवी रोड जुरिया निवासी लक्ष्मी नर्सिंग होम के संचालक भुआल चौधरी का पुत्र संदीप कुमार यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। वह चतुर्थ वर्ष का छात्र है। उसकी आगामी पांच मार्च को फ्लाइट से भारत वापस लौटने की उम्मीद है। उसके माता-पिता की चिंता बढ़ गई है। हालांकि जब संदीप के पिता भुआल चौधरी ने उससे बात की तो बताया कि यहां चिंता की कोई बात नहीं है। सब कुछ ठीक है, वह फिलहाल अपने छात्रावास में है। किसी तरह की परेशानी नहीं है। वह सुरक्षित है और जल्द ही घर लौट आएगा। संदीप यूक्रेन के कोलटावा नेशनल मेडिकल कालेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। संदीप ने अपने माता-पिता से कहा कि आज भारत का विमान यूक्रेन आने वाला था, परंतु वह वापस लौट गया।

गढ़वा के दो छात्र भी यूक्रेन में फंसे हैं..
गढ़वा जिले के रमना थाना क्षेत्र के परसवान निवासी मोबारक अली के पुत्र साजिद अली तथा खरौंधी के इंदू अंसारी के पुत्र असरफ यूक्रेन में हैं। रमना के परसवान निवासाी 45 वर्षीय व्यापारी मोबारक अली यूक्रेन के हालात को देख परेशान हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा साजिद अली यूक्रेन के जेप्रोजिया स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल का छात्र है। उन्होंने बताया कि वहां तनाव के बाद वह वापस लौटने के लिए कह रहा था, लेकिन वह नहीं लौट सका।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री से यूक्रेन में फंसे छात्रों के साथ-साथ वहां फंसे देश के सभी लोगों को जल्द सुरक्षित वापस वापस लाने की गुहार लगाई है। साजिद अली ने गुरुवार की दोपहर अपने माता-पिता को फोन पर जानकारी दी है कि जेप्रोजिया शहर रूस की सीमा के समीप है। यहां लगातार हमला हो रहा है। हमलोगों को घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे में हमारे समक्ष रसद-पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहां भारी संख्या में भारतीय फंसे हैं। उन्होंने बताया कि यूक्रेन के कीव में अवस्थित भारतीय दूतावास से सार्थक संपर्क नहीं हो पा रहा है। स्थिति खराब हो चुकी है। साजिद अली का पूरा परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर परेशान है तथा सरकार से वहां फंसे सभी भारतवासियों को सुरक्षित देश वापसी की गुहार लगा रहे हैं। साजिद अली पिता मुबारक अली ने अपने स्वजनों को बताया कि उसके साथ खरौंधी का असरफ अंसारी एवं रांची की प्रेरणा भी फंसी है। उसने बताया कि जहां हमला हुआ है वहां से वे लोग 200 किलोमीटर दूर हैं।