रांची : झारखंड हाईकोर्ट के पांच कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अब कुछ कार्यों पर रोक लगा दी गई है. इसमें मैन्युअल याचिका, शपथपत्र और अन्य दस्तावेज के जमा करने संबंधित कार्य शामिल है. हाईकोर्ट ने फैसला लिया है कि अब सभी याचिकाएं तथा सभी पक्षों के शपथ पत्र को भी ऑनलाइन जमा करवाया जाएगा.
कोरोना के बढ़ते मामले ने झारखंड की न्याय व्यवस्था को भी हिला कर रख दिया है. कुछ वकीलों ने हाल ही मांग रखी थी की हाईकोर्ट परिसर में एक बॉक्स लगाया जाए. जहां याचिका और शपथपत्र दाखिल करने की छूट होगी. लेकिन, फिलहाल इसे भी रोक दिया गया है. संक्रमण का मामला यहां तक पहुंचने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला लिया था कि 20 जुलाई तक सभी बेंच सुनवाई नहीं करेगी. केवल बेहद जरूरी मामलों की ही सुनवाई की जायेगी.
हाईकोर्ट कैंपस में इस सप्ताह दो खंडपीठ और तीन एकलपीठ ही बैठेगी.
एकलपीठ में नियमित जमानत, अग्रिम जमानत और सिविल रिट मामलों की सुनवाई की जायेगी. आपको बता दें कि इस सोमवार को सुनवाई के लिए 72 मामले सूचीबद्ध किए गए हैं.
आम दिनों में कितने मामलों की हो रही थी सुनवाई..
आमतौर पर सामान्य दिनों में सभी मामलों की सुनवाई की जा रही थी. हर दिन दो खंडपीठ और 12 एकलपीठ मामलों की सुनवाई कर रहा था.
लॉकडाउन के बाद हाईकोर्ट में सिर्फ ऑनलाइन याचिका दायर करने की योजना थी. इसमें सभी पक्षों को छूट दी गई थी कि याचिका की कॉपी सभी प्रतिवादियों के लिपिक को भी दे सकते हैं. जिन्हें ऑनलाइन सुनवाई में दिक्कत आ रही थी. उनके लिए कोर्ट परिसर में ही कियोस्क बनाए गए थे. जिसमें वकील ऑनलाइन बहस कर सकते थे. उनको सपेार्ट करने के लिए हाईकोर्ट कर्मचारियों को भी पदस्थापित किया गया था. जिसे इसी सोमवार से बंद कर दी गई है.
दो सप्ताह तक काम रहेंगे स्थगित..
झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने दो सप्ताह तक हाईकोर्ट के न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य स्थगित रखने का आग्रह किया है. एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को पत्र के माध्यम से सूचना दी है. हालांकि, कोर्ट की कार्यवाही स्थगित नहीं की गई है. बेहद जरूरी मामलों की सुनवाई जारी रहेगी.
कौन पाए गए थे संक्रमित..
हाईकोर्ट के पांच कर्मचारी कोरोना संक्रमित गए थे. शनिवार को कोर्ट मास्टर, पीए, अर्दली समेत चार कर्मी कोरोना संक्रमित मिलने के बाद कोर्ट में अफरा तफरी मच गयी थी. इस दौरान रजिस्ट्रार जनरल समेत रजिस्ट्री के अन्य पदाधिकारियों की रिपोर्ट भी ली गई थी. जो निगेटिव पाई गयी थी. मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक दिन हाईकोर्ट कर्मचारियों के 50 सैंपल लिए जा रहे हैं.