रांची: हेमंत सोरेन की सरकार ने आज झारखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया। वित्त मंत्री डा रामेश्वर उरांव ने बजट पेश करते हुए झारखंड सरकार की प्राथमिकताओं का भी उल्लेख किया। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1,01,101 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें 76,273.30 करोड़ रुपये राजस्व व्यय में और पूंजीगत व्यय पर 59 फीसदी वृद्धि करते हुए 24,827. 70 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। इस बार की बजट में राज्य सरकार ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के लिए 11,660.68 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया है। वहीं, सबसे कम सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के लिए प्रस्तावित किया है। इस विभाग के लिए 156.07 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। आइए, देखते हैं किस विभाग को सरकार ने कितनी राशि आवंटित की है। इससे आप यह भी अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं।
बजट एक नजर में..
- वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने झारखंड विधानसभा में पेश किया 1,01,101 करोड़ का बजट
- राजस्व व्यय के लिए 76,273 करोड़ और पूंजीगत व्यय के लिए 24,827 करोड़ का प्रस्ताव
- बजट में सामान्य क्षेत्र के लिए 31,896 करोड़, सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 37,313और आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 31,891 करोड़ का उपबंध
- अगले वित्तीय राजकोषीय घाटा, 11,286.47 करोड़ रहने का अनुमान, जीएसडीपी का 2.81 प्रतिशत होगा
- घाटे का बजट होने के बावजूद आम लोगों पर नहीं डाला गया कर का बोझ
- स्वास्थ्य में 27 प्रतिशत, पेयजल में 20 प्रतिशत, शिक्षा में 6.5 और खाद्यान्न वितरण में 21 प्रतिशत की वृद्धि
इन विभागों को सरकार ने दिए इतने रुपये..
- कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (कृषि प्रभाग) : 2901.36 करोड़।
- कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (पशुपालन प्रभाग) : 140 करोड़।
- भवन निर्माण विभाग : 500 करोड़।
- परिवहन विभाग (नागर विमानन प्रभाग) : 50 करोड़।
- कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (सहकारिता प्रभाग) : 290 करोड़।
- ऊर्जा विभाग : 4800 करोड़।
- उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग : 10.50 करोड़।
- वित्त विभाग : 17.13 करोड़।
- वाणिज्यकर विभाग : 6.50 करोड़।
- खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग : 2500 करोड़।
- वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग : 700 करोड़।
- स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग : 4200 करोड़।
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग (उच्च शिक्षा प्रभाग) : 486.40 करोड़।
- गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग (गृह प्रभाग) : 510 करोड़।
- उद्योग विभाग : 300 करोड़।
- सूचना एवं जन संपर्क विभाग : 60 करोड़।
- श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग : 500 करोड़।
- खान एवं भूतत्व विभाग : 30 करोड़।
- अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग (अल्पसंख्यक कल्याण) : 252 करोड़।
- कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग (कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार प्रभाग) : 21 करोड़।
- योजना एवं विकास विभाग : 200 करोड़।
- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग : 3863.06 करोड़।
- गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग (आपदा प्रबंधन प्रभाग) : 700 करोड़।
- राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग (राजस्व एवं भूमि सुधार प्रभाग) : 100 करोड़।
- पथ निर्माण विभाग : 3300 करोड़।
- ग्रामीण विकास विभाग (ग्रामीण विकास प्रभाग) : 7800 करोड़।
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग (तकनीकी शिक्षा प्रभाग) : 263.60 करोड़।
- सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग : 350 करोड़।
- पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग (पर्यटन प्रभाग) : 150 करोड़।
- परिवहन विभाग (परिवहन प्रभाग) : 240 करोड़।
- नगर विकास एवं आवास विभाग (नगर विकास प्रभाग) : 2925 करोड़।
- जल संसाधन विभाग : 1093.80 करोड़।
- जन संसाधन विभाग (लघु सिंचाई प्रभाग) : 306.20 करोड़।
- अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग (अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण प्रभाग) : 1748 करोड़।
- पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग (कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य प्रभाग) : 170 करोड़।
- कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (मत्स्य प्रभाग) : 154.50 करोड़।
- कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (डेयरी प्रभाग) : 114.14 करोड़।
- ग्रामीण विकास विभाग (ग्रामीण कार्य प्रभाग) : 2500 करोड़।
- ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज प्रभाग) : 1600 करोड़।
- नगर विकास एवं आवास विभाग (आवास प्रभाग) : 10 करोड़।
- स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (सेकेंडरी शिक्षा प्रभाग) : 1860.67 करोड़।
- स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (प्राथमिक एवं व्यस्क शिक्षा प्रभाग) : 3809.05 करोड़।
- महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग : 5726.08 करोड़।
- कुल : 57259 करोड़।