Jharkhand and Odisha have the highest number of green zones at 30.

The Union Ministry of Civil Aviation has permitted drone operations on 166 new green zones across the country up to the height of 400 feet above the ground. The Ministry didn’t allow the drone operators to fly drones without permission and said that the drones will have to comply with the ministry’s NPNT (No Permission No Take-off) scheme.

Under this the drone operators will have to give detailed information about the time and location of flights via the Ministry’s Digital Sky portal or application. In case permission isn’t granted the operators will have to follow the ministry’s guidelines under NPNT scheme, whereby those drones will be forbidden from such operation.

The Ministry has approved 66 green zones for drone operations. The additional 166 zones have been permitted in thirteen states which includes Jharkhand and Odisha having the highest number of new green zones at 30 each followed by Madhya Pradesh at 24 and Maharashtra at 23.

तमिलनाडु में फंसी झारखंड की 26 लड़कियां..
तमिलनाडु में दुमका सहित संथाल क्षेत्र की 26 लड़कियां फंसी हुई है। तमिलनाडु में डेढ़ माह से लॉकडाउन के कारण लड़कियों के वापस आने के विकल्प बंद हो गए हैं। सभी लड़कियां तमिलनाडु के त्रिपुर में एक कपड़ा फैक्ट्री में सिलाई का काम करती हैं। दरअसल फैक्ट्री मालिक भी लड़कियों की वापसी में अवरोध बना हुआ है। तमिलनाडु में फंसी सभी लड़कियों ने धनबाद में प्रवासी मजदूरों को वापस झारखंड लाने का काम करने वाली संस्था शुभ संदेश फाउंडेशन से संपर्क किया है। वीडियो पोस्ट के माध्यम से लड़कियों ने अपना दर्द बयां किया। बताया कि लॉकडाउन में उन्हें वहां काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लॉक डाउन कब खत्म होगा कोई सही जानकारी नहीं मिल रही है। यहां रोजाना कोरोना के केस बढ़ रहे हैं।

कपड़ा मिल के मालिक एडवांस पैसे देने की दे रहा दलील
वीडियो पोस्ट के जरिए लड़कियों ने बताया कि पिछले लॉकडाउन के बाद जब अनलॉक हुआ तो उन्हें वापस कपड़ा मिल ले जाया गया। अब जब दोबारा लॉक डाउन लग गया है और काफी समय बीत गया है तो वापस घर जाने देने की बात पर मिल के मालिक कहते हैं कि उन्हें एडवांस पैसा दे रखा है, ऐसे में वे लोग घर नहीं जा सकती। जबकि वे सब एक छोटे से जगह में रह रहीं हैं। खाना-पीना भी नियमित नहीं है।

शुभ संदेश की पहल पर वापसी का रास्ता हुआ साफ
धनबाद में काम करने वाली संस्था शुभ संदेश फाउंडेशन की पहल पर लड़कियों की  वापसी का रास्ता साफ हुआ है। संस्था के चेयर पर्सन डेनियल पोनराज ने बताया कि तमिलनाडु त्रिपुर के स्थानीय प्रशासन से लंबी वार्ता  और झारखंड सरकार की मदद से लड़कियों को वापसी की पहल की जा रही है। संस्था की ओर से उनका टिकट धनबाद के लिए बनाया जा रहा है। यहां आने के बाद उन्हें दुमका सहित अन्य संताल इलाकों में उनके गंतव्य स्थल पर भेजा जाएगा।