झारखंड में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अफसरों की कमी के कारण कई विभागों के काम प्रभावित हो रहे हैं। हालत यह है कि यह झारखंड राज्य आइएएस अफसरों की कमी वाले देश के चार शीर्ष राज्यों में शामिल हो गया है। राज्य में स्वीकृत बल के मुकाबले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों की 31 प्रतिशत कमी है। केंद्र सरकार ने झारखंड में विभिन्न पदों के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर के 224 अफसर स्वीकृत और निर्धारित किए हैं। पहले यह संख्या 215 थी। इसी वर्ष इस संख्या को बढ़ाकर 224 किया गया है। इस लिहाज से नौ और पदों की वृद्धि हुई है। नई स्वीकृत संख्या के मुताबिक झारखंड में उच्चतर ड्यूटी वाले आइएएस अधिकारियों के पदों की संख्या 122 है, जबकि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए 48 अफसरों की संख्या निर्धारित की गई है। इसके अलावा राज्य प्रतिनियुक्ति वाले अफसरों की संख्या 30 है, जबकि प्रशिक्षण के लिए चार पद आरक्षित हैं।
आइएएस अफसरों की सर्वाधिक कमी वाले राज्यों में जम्मू-कश्मीर शामिल है, जहां सर्वाधिक 57 प्रतिशत पद खाली हैं। इसके अलावा त्रिपुरा में 40 प्रतिशत, नागालैंड में 37.2 प्रतिशत और केरल में 32 प्रतिशत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के पद खाली हैं। दूसरी ओर आइएएस अफसरों के सबसे कम खाली पदों वाले राज्य में तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश हैं। तमिलनाडु में स्वीकृत संख्या के मुकाबले 14.3 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 14.7 प्रतिशत, हरियाणा में 15.8 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में स्वीकृत पदों के मुकाबले 15.9 प्रतिशत आइएएस के पद रिक्त हैं। संसद की स्टैंङ्क्षडग कमेटी की रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में जिक्र है कि स्वीकृत पद नहीं रहने के कारण कुछ राज्यों में गैर-आइएएस अधिकारियों को आइएएस कैडर के पदों पर नियुक्त किया जा रहा है। यह भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर रूल 1954 के नियम का उल्लंघन है।
क्या हैं आंकड़े?
- देश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लगभग 1500 पद खाली।
- आइएएस अधिकारियों की अधिकृत संख्या 6746।
- 4682 पद भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से।
- राज्य सेवाओं से आइएएस कैडर के 2064 पद।
- वर्तमान अधिकारियों की संख्या 5231, इनमें 3787 सीधी भर्ती से, 1444 राज्य सिविल सेवा से आइएएस में प्रोन्नत।