बोकारो: भारतीय नौसेना के लिए स्वदेश निर्मित दो युद्धपोत आइएनएस ‘ उदयगिरि व सूरत’ का जलावतरण मंगलवार को मुंबई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मझगांव डॉक पर किया. बोकारो स्टील प्लांट ने दोनों युद्धपोत के लिए विशेष स्टील की आपूर्ति की है. उदयगिरि के लिये 2000 टन व सूरत के लिये 170 टन डीएमआर-249 ए ग्रेड स्टील की आपूर्ति की गयी है. प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी के स्टेल्थ (रडार को चकमा देने में सक्षम) निर्देशित विध्वंसक मिसाइल हैं. इससे इंडियन नेवी के मारक क्षमता में बड़ा इजाफा हो गया है.
आत्मनिर्भर भारत मिशन में सेल का निरंतर प्रयास..
सेल ने दोनों युद्धपोत के लिए 4300 टन विशेष स्टील की आपूर्ति की है. इसमें बीएसएल का 2170 टन स्टील शामिल है. स्टील की पूरी मात्रा बोकारो, भिलाई व राउरकेला स्टील प्लांट्स से सप्लाई की गयी है. यह आत्मनिर्भर भारत मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देने और आयात को प्रतिस्थापित करने में सेल के निरंतर प्रयास की दिशा में एक और कदम है. सेल ने इससे पहले आइएनएस विक्रांत, आइएनएस कमोर्टा सहित भारत की विभिन्न रक्षा परियोजनाओं के लिए विशेष गुणवत्ता वाले स्टील की आपूर्ति की है.
दोनों युद्धपोत की खासियत..
‘सूरत’ प्रोजेक्ट 15बी कार्यक्रम के तहत बनने वाला चौथा और अंतिम विध्वंसक पोत है, जिसमें रडार को चकमा देने की प्रणाली है. यह पी15ए (कोलकाता श्रेणी) विध्वंसक के एक महत्वपूर्ण बदलाव का परिचायक है. गुजरात की वाणिज्यिक राजधानी और मुंबई के बाद पश्चिमी भारत के दूसरे सबसे बड़े वाणिज्यिक केंद्र सूरत शहर के नाम पर इसका नाम रखा गया है. दूसरा पोत ‘उदयगिरि’ प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट कार्यक्रम का हिस्सा है. उदयगिरि पोत का नाम आंध्रप्रदेश की पर्वत शृंखला के नाम पर रखा गया है. यह पी17 फ्रिगेट (शिवालिक श्रेणी) का उन्नत संस्करण है, जो बेहतर हथियार, सेंसर और मंच प्रबंधन प्रणाली से लैस है.