साहिबगंज की महिला थानेदार रूपा तिर्की मौत मामले में मंगलवार को झारखंड सरकार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को रिपोर्ट सौंप दी हैं। बता दे कि रूपा साहिबगंज के महिला थाने की थाना प्रभारी थी। रूपा की मौत 3 मई को हो गई थी। उनका शव उनके सरकारी आवास में रस्सी से लटका हुआ मिला था। हालांकि उनके परिवार द्वारा आत्महत्या की नहीं बल्कि हत्या की आशंका जताई गई थी। इस मामलें में संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने इस केस से संबंधित जांच रिपोर्ट मांगी थी।
अब इस मामले में राज्य सरकार की गृह कारा ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि मेडिकल बोर्ड द्वारा रूपा की बॉडी को पोस्टमार्टम किया गया था और पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी की गई थी।मेडिकल रिपोर्ट में हत्या की वजह फांसी लगाना बताया गया था। जिससे यह मामला हत्या नहीं आत्महत्या की ओर इशारा करता हैं। इसके साथ रूपा के परिजनों के आरोपों की भी जांच की गई हैं। जिसमें दरोगा मनीष कुमार,पंकज मिश्रा और ज्योत्सना कुमारी की इस घटना में शामिल और षड्यंत्र रचने के बिंदुओं पर कोई सबूत अब तक नहीं मिले हैं।
वहीं टेक्निकल सबूत के आधार पर महिला थानेदार रूपा तिर्की को आत्महत्या के लिए उकसाने पर आरोपी सहयोगी दरोगा शिव कुमार कनौजिया को प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया है। शिव कुमार कनौजिया पर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और शादी से इन्कार करने का आरोप लगा हैं। जिस परछानबीन जारी हैं। वहीं आरोपी को 9 मई को गिरफ्तार किया जा चुका हैं ।
बता दे कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। जिसमें उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रहे विनोद कुमार गुप्ता शामिल है और अब वह इस मामले की जांच करेंगे।