रांची : झारखंड में कोरोना के कारण स्कूलों में और परीक्षाओं में काफी बदलाव आ गया है। अब राज्य के सरकारी स्कूल में पहली से आठवीं तक के 32 लाख विद्यार्थियों का अगले महीने अगस्त में परीक्षा होगा। इसका आधार मई से जुलाई तक उपलब्ध कराया गया डिजिटल सामग्री होगा। छात्रों को शिक्षक घर तक प्रश्नपत्र उपलब्ध कराएंगे। जिसे ओपन बुक हल कर जमा करना होगा। इसके अलावा हर दो माह में टेस्ट होंगे। इसके लिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग तैयारी कर रहा है।
झारखंड शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की ओर से कक्षावार प्रश्नपत्र तैयार कर सभी जिलों को भेजा जाएगा। यहां से उसका प्रिंट आउट निकाल छात्रों को देना होगा। छात्रों को प्रश्न पत्रों को हल करने के लिए 2 से 3 दिनों का समय दिया जाएगा। सभी प्रश्न व्यक्तिपरक होंगे जवाब देने के बाद कॉपियों को स्कूलों की ड्रॉपबॉक्स या शिक्षकों को उपलब्ध कराना होगा। शिक्षक इन कॉपियों का मूल्यांकन करेंगे और अंक देंगे। इन अंकों को रजिस्टर में अनुरक्षित किया जाएगा। साथ ही जवाब देने का आधार पर छात्र-छात्राओं को बेहतर करने के लिए सुझाव देते हुए कॉपी वापस की जाएगी। स्कूलों में होने वाले अलग-अलग मिलने वाले अंकों पर वार्षिक रिपोर्ट कार्ड बनेगा।
बता दें कि कोरोना के कारण 22 मार्च 2020 से ही स्कूल बंद है। इस दौरान डिजिटल सामग्री और ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी है। इस बीच अब तक बच्चों का कोई परीक्षा नहीं हो सका है। ऐसे में उनके लिखने की आदत कम हो रही है। इसलिए सरकार हर 2 महीने में लिखित परीक्षा की तैयारी कर रही है। इसके तहत बच्चों से व्यक्तिपरक प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्न उपलब्ध सामग्री और संबंधित महीने तक दिए गए सिलेबस के आधार पर रहेंगे।
बच्चों को किताबों में देखकर खोज कर प्रश्नों का जवाब लिखना होगा। कॉपी की जांच के बाद उसे वापस छात्र और छात्राओं को किया जाना है। इससे उन्हें प्रश्नों के उत्तर याद करने में सहायता मिलेगी।
छात्रों का अगस्त में होने वाली परीक्षा के बाद हर 2 महीने पर टेस्ट होगा। अगस्त के बाद अक्टूबर में छमाही मूल्यांकन होगा। इसके बाद 2- 2 महीने पर टेस्ट होगा। इसमें उन दो-दो महीनों पर दिए गए सामग्री के आधार पर प्रश्न दिए जाएंगे। इसके बाद मार्च में अंतिम रूप से वार्षिक मुल्यांकन किया जाएगा। इन परीक्षाओं के आधार पर वार्षिक रिपोर्ट कार्ड तैयार किए जाएंगे।