Human Trafficking: तमिलनाडु से सात नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू कर लाया गया रांची..

पलामू और चतरा के सात नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू कराकर रांची लाया गया। सीडब्ल्यूसी और समाज कल्याण विभाग तामिलनाडु सरकार ने बच्चों को उनके पिता के हाथों सौंपा। सभी रांची स्टेशन पर सुबह सात बजे हटिया-धनबाद स्पेशल ट्रेन से पहुंचे थे।गरीब बच्चों को रांची से पलामू चतरा तक जाने का भाड़ा तक नहीं था। उन्हें सामाजिक कार्यकर्ता सह पूर्व टीएसी सदस्य ने सहयोग स्वरूप पैसे दिए। इस रेस्कयू कार्य में श्रम विभाग और फिया़ फाउंडेशन द्वारा संचालित राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कंटोल रूम प्रभारी शिखा लकड़ा ने बताया कि राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने तामिलनाडु सरकार से संपर्क कर स्थिति की जानकारी दी और समन्वय स्थापित कर बच्चों को रेस्क्यू कराया। रजनी तापे ने बताया कि तामिलनाडु सरकार की समाज कल्याण विभाग की पदाधिकारी वीआर रेणुका देवी ने बच्चों को रेस्क्यू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बाल कल्याण कमिटी ने भी सक्रिय भूमिका निभाई है।

घटना की जानकारी पलामू के श्रम अधीक्षक द्वारा श्रम विभाग और फिया़ फाउंडेशन के द्वारा संचालित राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष को दी गई थी। नियंत्रण कक्ष ने त्वरित कार्यवाई करते हुए तामिलनाडु के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की प्रोबेशन आफिसर वीआर रेणुका देवी से संपर्क स्थापित किया। रेणुका देवी ने इस संबंध में जानकारी प्राप्त होते ही पलामू के ठीकेदार दीगन भुइयां को गिरफ्तार कराया और बच्चों के बयान के आधार पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कराई।

इन बच्चों को ठेकेदार दीगन भुइयां 23 अगस्त 2021 को तामिलनाडु लेकर गया था और सत्यमूर्ति नामक कंपनी दिव्या अपार्टमेंट में काम में लगा चुका था। वहां इन बच्चों का शोषण देर तक काम कराकर किया जाता था। सभी नाबालिग बच्चे बिल्डिंग निर्माण में सेंट्रिंग का काम करते थे। वीआर रेणुका ने पुलिस के सामने बच्चों का ब्यान दर्ज कराया।

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