झारखण्ड हाईकोर्ट ने जेपीएससी की संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा-2021 में उम्र सीमा की कट ऑफ डेट एक अगस्त 2016 किए जाने के मामले में सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सरकार को 15 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस विषय में मुकेश कुमार और अमित कुमार ने याचिका दायर की है।
दायर याचिका के अनुसार सरकार द्वारा चार सिविल सेवा परीक्षा एक साथ लेने का निर्णय लिया गया है जिसके लिए उम्र सीमा के लिए कट ऑफ डेट एक अगस्त 2016 किया गया है, जो सही नहीं है। इस डेट के कारण हज़ारों छात्र परीक्षा में हिस्सा लेने से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में कट ऑफ डेट एक अगस्त 2011 निर्धारित किया जाना चाहिए।
अदालत को दी गयी जानकारी के मुताबिक 2016 की परीक्षा विज्ञापन के प्रकाशन से लेकर परीक्षाफल के प्रकाशन में चार वर्ष से अधिक का समय लग गया था। एक परीक्षा को पूरा होने में लग रहे लम्बे समय को मद्देनज़र रखते हुए सरकार द्वारा 8 जनवरी 2021 को कैबिनेट से झारखंड सिविल सर्विस एग्जामिनेशन रूल 2021 पास किया गया है।
इसके नियम को ध्यान में रखते हुए सरकार ने आयोग की ओर से हर वर्ष सिविल सेवा परीक्षा लेने का फैसला किया है। गौरतलब है कि सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से कई अभ्यर्थी जेपीएससी की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। नए नियम के अंतर्गत सरकार ने वर्ष 2017, 2018, 2019 और 2020 की चार सिविल सेवा परीक्षा एक साथ लेने का फैसला किया है।