धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर इस मामले की जांच कर रही सीबीआई को फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि हम एजेंसी की जांच से संतुष्ट नहीं है, मामले में आज भी पहले दिन वाली ही स्थिति है। सीबीआई के पास दो आरोपियों के अलावा कुछ नहीं है। कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा- अगर इतने बड़े केस का ऐसा हश्र होगा तो यह सिस्टम और हिन्दुस्तान के लिए बहुत दुखद होगा। क्योंकि, CBI पहले ही कह चुकी है कि जज को जानबूझकर मारा गया है।
कोर्ट ने कहा- CBI की जांच से ऐसा लगता है कि वह इस मामले में प्रोफेशनल जांच नहीं कर रही है। हाईकोर्ट की अनुमति के बिना चार्जशीट फाइल कर दी गई। हत्या और साजिश के मामले में चार्जशीट फाइल की गई है, लेकिन CBI को अभी तक यह पता नहीं चल सका कि साजिश में कौन था? किसने साजिश रची और हत्या करने के पीछे क्या कारण था।
बिना मोटिव के चार्जशीट दाखिल करने से भी कोर्ट नाराज..
कोर्ट इस बात को लेकर भी नाराज था कि बिना मोटिव के चार्जशीट दाखिल कर देने पर क्या CBI निचली अदालत में इसे हत्या का मामला साबित कर पाएगी। कोर्ट ने कहा- यह मामला अब गैर इरादतन हत्या और एक्सीडेंट की ओर बढ़ रहा है। कोर्ट ने पूर्व में ही CBI को आगाह किया था कि जल्द से जल्द इस मामले में शामिल षड्यंत्र की कड़ी को ढूंढें नहीं तो आरोपी अपने बचने का रास्ता निकाल सकते है। CBI की जांच की कहानी इसी रास्ते पर है।
कोर्ट को भरोसा- सही तरीके से होगी जांच..
केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजीव कुमार ने अदालत को भरोसा दिलाया कि इस मामले में सही तरीके से जांच होगी। उन्होंने समय देन का आग्रह करते हुए अदालत से अगली प्रगति रिपोर्ट में ठोस जानकारी देने का भरोसा दिलाया। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई 12 नवंबर को निर्धारित की।