झारखंड हाईकोर्ट ने रांची नगर निगम को निर्देश दिया है कि शहर में बिना स्वीकृत नक्शे के चल रहे रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट को तुरंत बंद कराया जाए. यह आदेश एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान दिया. अदालत ने खासतौर पर रांची के लालपुर और अन्य इलाकों में बिना नक्शा पास कराए चल रहे रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट पर सख्त टिप्पणी की है, जहां इस तरह के बार और रेस्टोरेंट खुलेआम संचालित हो रहे हैं.
निगम को सख्त निर्देश: बिना स्वीकृत नक्शे के बार और रेस्टोरेंट बंद कराएं
अदालत ने रांची नगर निगम को निर्देश दिया है कि वह तत्काल कार्रवाई करते हुए बिना स्वीकृत नक्शे के चल रहे सभी रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट को बंद कराए. इसके साथ ही, अदालत ने निगम से अपेक्षा की है कि वह इन सभी बार और रेस्टोरेंट के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट अगली सुनवाई के दौरान अदालत में पेश करे. मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी, जिसमें निगम की कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी.
सुनवाई के दौरान ड्रग्स की समस्या पर भी हुआ खुलासा
सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी बताया गया कि रांची के कई क्षेत्रों में नशीले पदार्थों का सेवन और उनकी बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है. हरमू रोड स्थित एक रेस्टोरेंट के पास स्थित पार्क की जमीन में खुलेआम गांजा, चरस और अन्य नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं. इस वजह से क्षेत्र में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बनी रहती है.
पार्क की जमीन नगर निगम को हस्तांतरित करने का निर्देश
इस पर अदालत ने झारखंड राज्य आवास बोर्ड को निर्देश दिया कि वह दो सप्ताह के भीतर उस पार्क की जमीन को नगर निगम को हस्तांतरित करे. इसके बाद, अदालत ने रांची नगर निगम को आदेश दिया कि वह इस पार्क के लिए जल्द से जल्द टेंडर जारी करे ताकि पार्क का सौंदर्यीकरण और विकास किया जा सके. यह कदम न केवल स्थानीय निवासियों के लिए राहत लाएगा, बल्कि क्षेत्र की कानून व्यवस्था को भी बेहतर बनाने में सहायक होगा.
मादक पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए चल रहा अभियान
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को अवगत कराया कि रांची सहित पूरे राज्य में गांजा, अफीम और अन्य मादक पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन मादक पदार्थों के तस्करों को पकड़ा जा रहा है और उन्हें कानून के तहत सजा दी जा रही है. राज्य सरकार इन मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है और मादक पदार्थों की बिक्री और सेवन को रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है.
अदालत की सख्ती और भविष्य की उम्मीदें
हाईकोर्ट के इस सख्त रुख के बाद रांची नगर निगम पर दबाव है कि वह त्वरित कार्रवाई करे और अदालत के आदेशों का पालन सुनिश्चित करे. अदालत की सख्ती से यह साफ संकेत मिलता है कि शहर में कानून का पालन और नियमों के तहत संचालन सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है. इससे न केवल अवैध गतिविधियों पर लगाम लगेगी, बल्कि शहर के विकास और सौंदर्यीकरण में भी मदद मिलेगी. आगामी सुनवाई के दौरान अदालत यह सुनिश्चित करेगी कि नगर निगम ने अपने आदेशों का पालन किया है या नहीं. साथ ही, ड्रग्स की समस्या पर भी अदालत की पैनी नजर बनी रहेगी, ताकि राज्य में मादक पदार्थों की बिक्री और सेवन को पूरी तरह से रोका जा सके. अदालत की इन कार्रवाईयों से उम्मीद की जा रही है कि रांची में अवैध रूप से संचालित हो रहे रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट पर अंकुश लगेगा और नशीले पदार्थों की बिक्री पर भी सख्त रोक लगाई जा सकेगी.