झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से साल 2020 दिसंबर में लगे प्रमोशन पर रोक के आदेश को निरस्त कर दिया है। । कोर्ट ने कहा कि DPS के जरिये जिन अधिकारियों को प्रमोशन के योग्य पाया जाता है, सरकार उन्हें चार सप्ताह में प्रमोशन दें। कोर्ट ने कहा कि सरकार कुछ लेागों को प्रमोशन दे रही है, कुछ को नहीं, ये गलत है। प्रमोशन ऐसे नहीं दिया जा सकता हैमामले में डिप्टी कलेक्टर रैंक में प्रमोशन के लिये याचिका दायर की गई थी। इस मामले में रश्मि लकड़ा ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।
प्रार्थी पक्ष से अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि सरकार कुछ विभागों में प्रमोशन दे रही है और कुछ विभागों में नहीं। सरकार पिक एंज चूज नहीं कर सकती है। पिछली सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व चंचल जैन ने अदालत को बताया था कि 24 दिसंबर 2020 को राज्य सरकार की ओर से सभी प्रोन्नति पर रोक लगा दी गई थी।
रोक के बाद भी कई विभागों में दी जा रही थी प्रोन्नति..
उसके बाद भी कई विभागों में प्रोन्नति की अधिसूचना जारी की गई। लेकिन इस मामले में सरकार वादियों के साथ भेदभाव कर रही है। उक्त आदेश को सरकारी आदेश नहीं माना जा सकता है। न तो यह राज्यपाल का आदेश और न ही प्रोन्नति पर रोक का कोई कारण बताया गया। यह आदेश एक विभाग के प्रधान सचिव की ओर से जारी किया गया है। इस आदेश पर प्रोन्नति का मामला लंबित नहीं रखा जा सकता है।