झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर आदिवासियों-मूलवासियों को छलने का आरोप लगाया है| सोमवार को बीजेपी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अलग राज्य का गठन अबुआ राज के लिए हुआ था| लेकिन यहां अबुआ राज के बजाए ‘बबुआ राज’ चल रहा है जिससे झारखंड की उम्मीदों को झटका लगा है| उन्होंने हेमंत सरकार द्वारा पूर्व की नियोजन नीति को वापस लेने के फैसले पर आपत्ति जताई है|
रघुवर दास ने कहा कि 2016 में उनकी सरकार के कार्यकाल में 24 जिलों के लिए नियोजन नीति बनायी गयी थी| जिसके तहत स्थानीय लोगों को तीसरे और चौथे श्रेणी की नौकरियों में 10 साल तक आऱक्षण मिलना था| हेमंत सरकार ने इस नीति को वापस लेकर झारखंड के युवाओं को बेरोजगार कर दिया साथ ही उनके अरमानों से खिलवाड़ किया है|
युवाओं का कैरियर चौपट किया
रघुवर दास ने कहा कि पिछली सरकार में 4000 पंचायत सचिवों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने वाली थी| उन्हें मात्र नियुक्ति पत्र देना बाकी था| चूंकि चुनाव आचार संहिता लग गया था जिसकी वजह से ऐसा नहीं हो सका| इसी प्रकार रेडियो ऑपरेटर, स्पेशल ब्रांच सहित अन्य विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होनी थी|
रघुवर दास ने कहा कि लेकिन अब हेमंत सरकार ने इसे रोक दिया है| उन्होंने कहा कि कम से कम जिन मामलों में प्रक्रिया पूरी हो गयी थी, उन मामलों में प्रतिभागियों को नौकरी दी जानी चाहिए|
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी सरकार ने एक साल में 5 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया था| लेकिन यहां नयी नौकरी देने के बजाए पिछली सरकार में दी गयी नौकरियों को छीनने का काम किया जा रहा है| इसके अलावा इस सरकार ने बेरोजगारों को 5000-7000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की भी बात कही थी लेकिन 14 महीने में किसी को 5 रुपये भी नहीं दिये गये|