बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले में आज झारखंड विधानसभा के स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो के न्यायाधिकरण में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता आरएन सहाय ने स्पीकर से हाईकोर्ट में लंबित नेता प्रतिपक्ष के मामले का हवाला देते हुए फिलहाल सुनवाई न करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल को हाईकोर्ट नेता प्रतिपक्ष मामले की सुनवाई होनी है। चूंकि ये दोनों मामले एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, इसलिए हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करना उपयुक्त होगा।
वहीं, प्रदीप यादव व बंधु तिर्की के अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने कहा कि ये मामला विधायिका से जुड़ा है और हाईकोर्ट में लंबित मामले से ये अलग है। ये दलील सिर्फ सुनवाई टालने के लिए दी जा रही है। गाड़ोदिया ने कहा कि यदि बाबूलाल नेता प्रतिपक्ष होते तो भी स्पीकर को मामले की सुनवाई का हक है। ये मामला बिल्कुल सीधा सा है। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा के तीन विधायक जीत कर आए थे। इनमें से बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी के भाजपा में विलय की घोषणा की थी जबकि इसी पार्टी के दो अन्य विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की कांग्रेस में चले गए थे।
उन्होंने कहा कि झाविमो के तत्कालीन केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का भाजपा में विलय सही नहीं है क्योंकि दसवीं अनुसूची में स्पष्ट है कि विलय तभी हो सकता है जब दो तिहाई विधायक विलय करें। स्पीकर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधिकरण की कार्यवाही स्थगित कर दी। बता दें कि स्पीकर रबींद्रनाथ महतो के न्यायाधिकरण में दलबदल मामले को लेकर विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की, पूर्व विधायक राजकुमार यादव व विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने मामला दर्ज कराया है।