हजारीबाग केरोसिन विस्फोट मामले में अमनारी गांव निवासी सबिता देवी और उसके 11 साल के बेटे की मौत होने से मरने वालों की संख्या अब 4 हो गई है। सबिता देवी की मौत शनिवार की रात को रांची के रिम्स में हो गयी थी। जबकि उसके बेटे आयुष शर्मा ने रविवार सुबह रांची के देवकमल अस्पताल में आखिरी सांस ली।
15 फरवरी की शाम को जलते लैंप में केरोसिन डालते वक़्त विस्फोट हो गया था जिसमें एक ही परिवार के तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गये थे। जिसमें सबिता देवी, उनका पुत्र आयुष और पवन शामिल थे।अब भी पवन समेत 15 लोग ज़िन्दगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहे हैं।
हजारीबाग के सदर प्रखंड में 9 फरवरी को केरोसिन विस्फोट की पहली घटना हुई थी। तब से लेकर अभी तक चार लोगों की झुलसने से मौत हो चुकी है।
इससे पहले इस विस्फोट से सरौनी कला के पारडीह गांव की दो साल की सुषमा कुमारी और 65 साल की देवंती देवी की मौत हो चुकी है।
घटना के सप्ताह बीतने के बाद भी जिला प्रशासन लापरवाह बना रहा और मिलावटी केरोसिन की पुष्टि हो जाने के बाद भी लोगों में बांटे गये केरोसिन को वापस लाने की कोई कोशिश नहीं की गई। नतीजन शनिवार को भी केरोसिन विस्फोट की घटना हुई और तीन लोग फिर से झुलस गए। जिसमे मां और दो बच्चे शामिल हैं। घटना के बाद जिला प्रशासन नींद से जागी और बांटे गये केरोसिन को वापस लेने के लिए सर्च अभियान शुरू किया गया। जिसके तहत हजारीबाग जिला प्रशासन ने रविवार को सदर प्रखंड की 38 पीडीएस दुकान के कार्डधारियों के घरों से केरोसिन जब्त किया है। एमओ, रोजगार सेवक, जनसेवक और डीलर की चार सदस्यीय टीम को इसकी जिम्मेवारी दी है। टीम गांव जाकर लाउडस्पीकर के जरिए केरोसिन इस्तेमाल नहीं करने की अपील कर रही है। जिला प्रशासन ने आइओसीएल के अधिकारियों को दोबारा सैंपलों की जांच करने का निर्देश दिया है। झारखंड सरकार के विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में और ज्यादा जानकारी मिल सकेगी।