कोरोना से जीत कर जिंदगी की जंग हारे मंत्री हाजी अंसारी, एक दिन पहले कोरोना रिपोर्ट आई थी निगेटिव..

झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का शनिवार को निधन हो गया है| 73 वर्षीय श्री अंसारी ने रांची के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। वो पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे, उसके बाद कोरोना के शिकार भी हुए| हालांकि शुक्रवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी थी| मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत तमाम दलों के नेताओं ने हाजी हुसैन अंसारी के निधन पर शोक जताया है|

डॉक्टरों ने बताया कि शुक्रवार को श्री अंसारी की रैपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई थी। जिसके बाद उन्हें शनिवार को कोविड आईसीयू से नॉर्मल आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया था। इस दौरान उनकी स्थिति बिलकुल ठीक लग रही थी|लेकिन करीब शाम साढ़े तीन बजे उन्हें अचानक कॉर्डियक अरेस्ट हुआ और उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि लगभग 11 दिन तक कोरोना से संक्रमित होने के कारण श्री अंसारी के सारे शरीर में संक्रमण फैल गया था। इसके अलावा वो पहले से ही किडनी और थायरॉयड जैसी कई बीमारियों से ग्रसित थे। साथ ही उनकी किडनी पूरी तरह से डैमेज हो चुकी थी। एक साल पहले उनकी बाईपास सर्जरी भी हुई थी। ऐसे में पहले से ही इतनी गंभीर बीमारियां होने के कारण,कोरोना से ठीक होने बाद भी श्री अंसारी का शरीर खुद को रिकवर नहीं कर सका| जिसकी वजह से उन्हें कॉर्डियक अरेस्ट आया और उनकी मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि 23 सितंबर को मंत्री को सांस लेने में तकलीफ के बाद रांची के मेदांता में भर्ती कराया गया था| यहां वो कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इलाज के दौरान स्थिति में सुधार नहीं होने पर मंत्री को गुरुग्राम ले जाये जाने की बात हुई, लेकिन स्वास्थ्य परिस्थतियों को देखते हुए उन्हें गुरुग्राम नहीं ले जाया जा सका। शुक्रवार, 2 अक्टूबर को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी| लेकिन अगले दिन, शनिवार को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर उनका निधन हो गया।

उधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर मंत्री हाजी हुसैन अंसारी को श्रद्धांजलि दी|उन्होंने लिखा, ‘सरकार में मेरे साथी मंत्री आदरणीय हाजी हुसैन अंसारी साहब जी के निधन से अत्यंत आहत हूं।हाजी साहब ने झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी। वह सरल भाव और दृढ़ विश्वास वाले जन नेता थे।
परमात्मा हाजी साहब की आत्मा को शांति प्रदान कर परिवार को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे।.’

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी हाजी हुसैन अंसारी के निधन पर शोक जताया| श्री मरांडी ने कहा, ‘झारखंड सरकार के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई| ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दे|’

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने कहा कि वो हाजी हुसैन अंसारी के निधन से मर्माहत हैं|वो एक जनप्रिय नेता होने के साथ-साथ मेरे प्रिय मित्र भी थे| संगठन एवं जनहित के मुद्दों को लेकर हमेशा सजग रहने वाले झारखंड का सच्चे नेता अब हमारे बीच नहीं रहें|

झामुमो महासचिव एवं केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने हाजी हुसैन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘हाजी हुसैन अंसारी साहब का निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है|उनका पूरा जीवन सरल, सहज एवं सादा रहा है|वो पार्टी के अभिभावक एवं नेता होते हुए भी सबके लिए सहज उपलब्ध रहते थे| उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है क्योंकि मैंने अपने अभिभावक को खोया है|दूसरी तरफ समाज ने सही मायने में एक सच्चा इंसान खोया है|’

हाजी हुसैन अंसारी ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कांग्रेस से की थी। 1990 के दशक से वो झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ आ गये। मूलरूप से देवघर के मधुपुर निवासी हाजी असांरी ने देवघर से ही पढ़ाई-लिखाई की। वर्ष 1995, 2000 और 2010 और 2019 में मधुपुर विधानसभा क्षेत्र से झामुमो के टिकट पर झारखंड विधानसभा के लिए चुने गए और 2004 में विपक्ष के नेता के रूप में भी काम किया।

मधुपुर से झामुमो के विधायक हाजी हुसैन अंसारी झारखंड के हज कमेटी के चेयरमैन भी थे। उन्होंने चार बार राज्य में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी। पहली बार 2009 में शिबू सोरेन की सरकार में वो छह महीने के लिए ग्रामीण विकास मंत्री बनाए गए थे।इसके बाद झामुमो के समर्थन से जब भाजपा के नेतृत्व में अर्जुन मुंडा की सरकार बनी तो उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बनाया गया था। तीसरी बार चार अगस्त 2013 में कांग्रेस के समर्थन से हेमंत सोरेन नेतृत्व में गठित 13 महीने की सरकार में भी उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बनाया गया। और वर्ष 2020 में एक बार फिर से उन्हें मंत्री बनाया गया था।

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