भाकपा माओवादियों की तोबड़तोड़ फायरिंग से दहल उठा गुमला ज‍िले का कुरुमगढ़..

गुमला में नक्सलियों ने पुलिस पेट्रोलिंग टीम को निशाने बनाने का प्रयास किया है। प्राप्त सूचना के अनुसार चैनपुर प्रखंड के कुरुमगढ़ में निर्माणाधीन थान भवन के समीप बुधवार की रात माओवादियों से 12 राउंड फायरिंग की। पुलिस की पेट्रोलिंग टीम जैसे ही जिरमी व पीपी बमदा पुलिस पिकेट के समीप पहुंची थी। इसी दौरान पास के जंगल में कुछ रौशनी दिखी।पेट्रोलिंग टीम ने आवाज लगाई। दूसरी तरफ से नक्सलियों उन्हें लक्ष्य कर फायरिंग कर दी। पुलिस द्वारा भी जवाबी फायरिंग की गई। करीब 1 घंटे तक रुक रुक कर फायरिंग की आवाज सुनी गई है। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। गुरुवार की सुबह ग्रामीणों ने भी फायरिंग की सूचना पुलिस को दी। SP एहतेशाम वकारीब ने घटना के सत्यापन के लिए DSP को मौके पर भेजा। इलाके में नक्सलियों की धर-पकड़ के लिए सर्च अभियान शुरू किया गया है।

SP एहतेशाम वकारीब ने बताया कि फायरिंग की जानकारी मिली है। घटना के सत्यापन के लिए DSP अभियान को भेजा गया है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है। चैनपुर व कुरुमगढ़ पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। कुरुमगढ़ थाना से सटे जंगल में सर्च अभियान शुरू कर दिया गया है। अब तक माओवादियों से पुलिस का आमना सामना नहीं हुआ है। करीब 2 हफ्ते पहले माओवादियों ने कुरुमगढ़ स्थित निर्माणाधीन थाना को बम से उड़ा दिया था। काम कर रहे मजदूरों को वहां से खदेड़ दिया था। जिसके बाद अब तक कुरुमगढ़ थाना का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।

लातेहार व लोहरदगा से लगातार भ्रमण करते हुए गुमला आ रहा नक्सलियों का दस्ता..
कुरुमगढ़ स्थित निर्माणाधीन थाना को बम से उड़ाने की घटना के दौरान ही इस बात की जानकारी पुलिस को मिल चुकी थी कि लोहरदगा व लातेहार से नक्सलियों का दस्ता गुमला पहुंच गया है। दस्ते में करीब 200 लोगों के शामिल होने का दावा किया गया। गत 25 नवंबर को नक्सलियों ने रात करीब साढ़े बारह बजे थाना भवन को उड़ा दिया था। घटना से पहले भवन में सो रहे सात मजदूरों को बाहर निकाल दिया था। पुलिस को घटना के छह घंटे गुजर जाने के बाद सूचना मिल सकी थी। इस मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस मुख्यालय ने SP एहतेशाम वकारीब से जानकारी मांगी थी।

नक्सलियों ने पुलिस को दी चुनौती..
1 करोड़ के ईनामी नक्सली प्रशांत बोस और किशन दा ऊर्फ बूढ़ा की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों ने गत 25 नवंबर को गुमला में जवाबी हमला किया था। निर्माणाधीन भवन को बम प्लांट कर उड़ाने के साथ पोस्टर लगा कर पुलिस को सीधे चुनौती भी दी थी। कहा था कि यह प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला की गिरफ्तारी का जवाबी हमला है। इसके बावजूद नक्सलियों के मूवमेंट को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।