सरकार ने नियोजन नीति के संकल्प को लिया वापस, हजारों सरकारी नौकरियां अधर में..

झारखंड राज्य की नियोजन नीति के तहत जिलास्तरीय पदों पर दस वर्ष के लिए स्थानीय लोगों को आरक्षण का प्रावधान करनेवाले संकल्प को वापस ले लिया गया है। ये फैसला बुधवार को हुई झारखंड मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने पहले ही इस नीति को रद्द करने को कहा था। कल की बैठक में अधिसूचित और गैर अधसिसूचित जिलों के लिए जारी दोनों संकल्पों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद प्रक्रियाधीन तमाम नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रोके जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पूर्व में जारी हुए सारे विज्ञापन निरस्त कर दिए जाएंगे। वहीं अब नए सिरे से विज्ञापन निकालकर नियाेजन की प्रक्रिया शुरू करने जा फैसला लिया गया है।

इसके साथ ही जिन लोगों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है उनकी नियुक्ति को भी अपूर्ण मानते हुए इससे संबंधित विज्ञपनों को निरस्त कर दिया गया है। उक्त नियोजन नीति के तहत जिनकी नियुक्ति हो गई है उनका मामला कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। हालांकि फिलहाल ये लोग जहां हैं वहीं काम करते रहेंगे।

कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब पंचायत सचिवों का मामला तो फंस ही गया है, शिक्षकों की नियुक्ति और अन्य कई जिला और राज्य स्तरीय नियुक्तियां भीबाधित हो गई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×