राज्य के जिन स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना काल में हटाया गया था उन्हें दोबारा काम पर लिया जाएगा। इनमें पारा मेडिकल स्टाफ समेत आउटसोर्स वाले स्टाफ भी शामिल होंगे। इस बात की जानकारी झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शनिवार को दी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उस कठिन वक्त में जिन लोगों को काम से हटाया गया था उनसे हमारी पूरी हमदर्दी है। आर्थिक कारणों के चलते ये कदम उठाया गया था लेकिन वो भी अपने ही हैं जिन्हें काम पर वापस लेकर आना है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए वित्त विभाग को 456 करोड़ रुपये का बजट बनाकर भेजा गया है। इस राशि से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाएगा। कई नई योजनाएं हैं जिसे प्रभावी बनाया जाना है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में दवा से लेकर अस्पताल तक में सुविधाएं बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इस दिशा में जर्जर पड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का ब्योरा एकत्रित किया जा रहा है, ताकि वहां की स्थिति में सुधार किया जा सके। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर सेवा मिलेगी।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में बहुत सारे सीएचसी जर्जर हालत में है। राज्य स्तर पर इसके लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनायी गयी है जिन्हें 24 जिलों के काम के लिए अलग से नियुक्त किया गया है। ये कमेटी सभी खामियों और कमी का विश्लेषण कर अपनी रिपेार्ट देंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सड़क दुर्घटना के बाद जो व्यक्ति घायल को लेकर अस्पताल लेकर आएगा, उसे उसी वक्त अस्पताल प्रबंधन की तरफ से आर्थिक पुरस्कार दिया जाए। इसके लिए व्यवस्था की जा रही है।