हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक के चयन के लिए सरकार ने तय किये नए मापदंड..

राज्य के हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त होने पर वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों को ही अब प्रधानाध्यापक का प्रभार मिलेगा। वहीं , किसी अन्य परिस्थिति में ही किसी दूसरे शिक्षक को प्रभार दिया जा सकता है।आपको बता दें कि प्रधानाध्यापक का प्रभार उन्हीं शिक्षकों को ही दिया जाएगा | जिनके पास न्यूनतम पांच साल कार्य करने का अनुभव हो।जानकारी के अनुसार , झारखण्ड में पहली बार स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त रहने पर दूसरे शिक्षकाें को प्रधानाध्यापक का प्रभार देने के लिए नए मापदंड तय किये है। वहीं , इससे पहले जिला शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया जाता था | जिससे अक्सर विवाद सुनने को मिलता था। लेकिन ,अब इसपर रोक लगेगीऔर उनकी मनमानी भी नहीं चलेगी।

आपको बता दें कि शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार देने के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं | जिसके अनुसार उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में सबसे पहले स्नातकोत्तर प्रशिक्षित वरीयतम माध्यमिक शिक्षक को ही प्रभार मिलेगा। वहीं ,स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के अभाव में वरीयतम स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को प्रभार दिया जाएगा। यदि किसी ऐसे स्कूल में माध्यमिक शिक्षक पदस्थापित नहीं है तो इसके प्रारंभिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों में वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित को प्रभार दिया जाएगा। किसी कारणवश इसमें भी स्नातकोत्तर प्रशिक्षित नहीं होने पर वरीयतम स्नातक प्रशिक्षित को प्रभार दिया जाएगा।साथ ही , स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक भी नहीं होने पर वरीयतम प्राथमिक शिक्षक को प्रभार दिया जाएगा। इसी तरह, राजकीय, राजकीयकृत एवं प्रोजेक्ट विद्यालयों के मामले में वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित को प्रभार दिया जाएगा।लेकिन , इसके अभाव में वरीयतम स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को प्रभार दिया जाएगा।

मिली जानकारी के अनुसार ,प्लस टू स्कूलों में सभी कक्षाओं के लिए (प्लस टू सहित) पदस्थापित स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक में आपसी श्रेष्ठता के आधार पर सबसे श्रेष्ठ शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया जाएगा। दरअसल , जहां , प्लस टू स्कूलों में प्लस टू स्तर तक के कोई स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक कार्यरत नहीं रहेंगे | ऐसी स्थिति में वहां माध्यमिक स्तर के स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के अभाव में आपसी वरीयता के आधार पर वरीयतम स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को प्रभार दिया जाएगा।आपको बता दें कि स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के अभाव में अन्य वरीयतम शिक्षक को प्रभार दिया जाएगा।साथ ही , यह भी मापदंड तय किया गया है कि कक्षा नौ से बारह तक संचालित स्कूलों में यदि स्नातकोत्तर प्रशिक्षित या स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नहीं रहने पर, पास के दूसरे स्कूलों से स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक को प्रतिनियुक्त कर प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत किया जाएगा। जिसमे अधिकांश पद रिक्त हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *