निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने कहा है कि इस दिशा में जल्द फैसला लिया जाएगा। रविवार को हेमंत सोरेन ने दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत की| इस दौरान उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में नौकरियों के लिए जल्द ही नियम तय होंगे।
दरअसल, उनसे हरियाणा सरकार द्वारा निजी नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण पर सवाल पूछा गया था। इस सवाल के जवाब में हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार भी निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों को राज्य में आरक्षण देने के पक्ष में है लेकिन, ये किस प्रकार होगा, क्या इसमें हरियाणा की तरह 75 फीसदी की सीमा होगी या वेतन की सीमा निर्धारण कितनी होगी, इस सब का आकलन फिलाहल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम जल्द फैसला लेंगे कि कैसे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार बढ़े।
वहीं पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने राजनैतिक मुद्दों पर भी बात की| इस दौरान उन्होंने माना कि देश में आज विपक्ष कमजोर पड़ गया है| हेमंत सोरेन ने कहा कि हालांकि ऐसा हमेशा नहीं रहेगा, विपक्ष मजबूत हो इसके लिए कोई न कोई रास्ता निकलेगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर से पहले क्षेत्रीय स्तर पर विपक्ष मजबूत होगा। कुछ समय के बाद स्थितियां बदलेंगी| विपक्ष की कमजोरी कारण उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने विपक्ष को कमजोर करने के लिए सभी तंत्रों का आधिकारिक तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। हो सकता है कि पहले भी ऐसा होता रहा हो, लेकिन कभी नजर नहीं आता था। लेकिन अब सब कुछ साफ दिखता है|
उधर पश्चिम बंगला को लेकर पूछे गए सवाल में मुख्यमंत्री ने कहा कि क्योंकि झारखंड पश्चिम बंगाल से जुड़ा हुआ है तो ऐसे में तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी से उनकी बात होती रहती है। हेमंत सोरेन ने कहा कि दीदी ने अपने पक्ष में प्रचार करने के लिए उन्हें आमंत्रित भी किया है और वापस लौटने पर वो इस पर चर्चा करेंगे।