राँची: झारखण्ड के किसानों ने अपने यहाँ उगाई गयी सब्जियों को देश-विदेश में निर्यात करना शुरू कर दिया है| इस काम में रेल मंडल उनकी सहायता कर रहा है| राज्य की अर्थव्यवस्था का 70 प्रतिशत भाग कृषि पर आधारित है| कोरोना महामारी में लगे लॉकडाउन की वजह से किसानों को काफ़ी समय से भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा था। रेलवे की मदद से अब वही किसान अपनी सब्जियों की फसल देश के कोने-कोने में निर्यात कर के जीवन-यापन कर पा रहे हैं| ये सब्जियां भारत तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि अब उन्हें विदेशों में भी बेचा जा रहा है| राज्य में उगाई गयी सब्जियां जैसे भिन्डी, गोभी, कद्दू, फ्रेंचबीन, शिमला मिर्च, कटहल आदि को पहले भारत के बड़े शहरों; दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, विजयवाड़ा आदि में भेजा जाएगा| फिर इन जगहों से मर्चेंट द्वारा विदेशों के सब्जी मार्केट में उन्हें पहुँचाने की व्यवस्था की जाएगी| ये सब्जियां क़तर, सऊदी अरब, सिंगापुर, लंदन समेत अन्य कई यूरोपीय देशों में निर्यात किये जाएँगे|
वर्तमान में राज्य के अन्दर अनेक प्रकार की सब्जियों का प्रति वर्ष करीब 40 लाख मीट्रिक टन उत्पादन किया जाता है| प्रति हेक्टेयर उत्पादकता देखी जाये तो यहाँ करीब 14.8 एमटी हेक्टेयर के हिसाब से सब्जियां उगाई जाती हैं| ऐसे में झारखण्ड के किसानों की सब्जियां विदेश में बिकने से उन्हें बड़े लाभ की सम्भावना है| ऐसा होने से सभी किसानों की आय 3 गुना तक बढ़ जाएगी|
रांची रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सह प्रवक्ता के अनुसार रेल विभाग इन कठिन परिस्थियों में किसान भाइयों के हित के लिए अथक प्रयास कर कर रहा है| उनकी तरफ से लगातार ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा को बेहतर एवं निर्बाध बनाया जाये| इस कार्य को सफल बनाने के लिए विभाग हमेशा किसानों और मर्चेंट के संपर्क में बना रहता है| उनका उद्देश्य है की यह काम बिना किसी बाधा के परस्पर चलता रहे ताकि किसानों को महामारी की चपेट से मुक्ति मिल पाए ओर वे सुखपूर्वक जीवन निर्वाह कर पाएं|