झारखंड के गोड्डा जिले में आये दिन कोरोना से संक्रमित हुए मरीजों के मौत की खबरें आ रही हैं। ऐसे में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने के स्थान पर अर्थी बनवाई जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा दिये गए आदेशानुसार नगर परिषद की ओर से तत्काल 200 अर्थी बनाने का निर्देश दिया गया है। इस बाबत नगर परिषद के हटिया परिसर में रहने वाले मोहली परिवार रात दिन ऑर्डर पूरा करने में जुटे हैं।
रविवार देर रात तकरीबन 150 बांस की अर्थी बन कर तैयार हो गयी है, जिससे नगर परिषद के हवाले कर दिया गया है। आपको बता दें कि गोड्डा में कोरोना संक्रमितों के मौत का सिलसिला जारी है। शवों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के अंतर्गत किया जाता है। ऐसे में शवों के दाह संस्कार की ज़िम्मेदारी जिला प्रशासन की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने ऐसा मंजर आज से पहले कभी नहीं देखा। गोड्डा निवासी एवं समाजसेवी रविन्द्र कुमार पांडेय व विनोद कुमार भगत ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दृश्य को देख कर लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है। हालांकि लोगों का कहना है कि इसके लिए सरकार एवं जिला प्रशासन दोषी हैं। एक साल का समय मिलने के बावजूद लोगों की मौत ऑक्सीजन के अभाव में हो रही है। उनका कहना है कि यदि अर्थी के समान की जगह ऑक्सीजन की व्यवस्था की जाती तो गोड्डा निवासियों को यह दृश्य नहीं देखना पड़ता। गोड्डा के नगर परिषद अध्यक्ष जितेंद्र कुमार मंडल का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से प्रत्येक ब्लॉक के लिए दस अर्थी बनने का निर्देश दिया गया है।