चारा घोटाला के चार मामलों में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे और आखिरी चरण के मतदान से पहले बाहर आ सकते हैं। हालांकि ये अभी झारखंड हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है। लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर आयेंगे या अभी जेल में ही रहेंगे, इसके लिए अब झारखंड हाईकोर्ट के फैसले का इंतज़ार है। बता दें कि, लालू यादव के वकील ने झारखंड हाईकोर्ट में अपील याचिका दाखिल की है।
शुक्रवार (6 नवंबर, 2020) को लालू प्रसाद की अपील याचिका पर सुनवाई होनी है। चारा घोटाला के कई मामलों में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इस याचिका में दुमका कोषागार से अवैध कागजात के आधार पर धन की निकासी के मामले में जमानत की अर्जी दी है। उनकी ओर से कई और क्रिमिनल अपील याचिकाएं भी दाखिल की गयी हैं।
ये सारी याचिकाएं कोर्ट में सुनवाई के लिए लिस्टेड हैं। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में अपील याचिका सूचीबद्ध है। अब शुक्रवार को दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद की ओर से दायर जमानत याचिका पर भी सुनवाई होगी। ज्ञात ही कि,
उक्त मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने विभिन्न धाराओं में लालू प्रसाद को 7-7 साल की सजा सुनायी थी।
लालू प्रसाद के वकील ने बताया कि इस मामले में उनके मुवक्किल ने आधे से अधिक सजा काट ली है। इसलिए अब वो जमानत पाने के हकदार हो गये हैं। दुमका कोषागार से निकासी के मामले में अगर लालू प्रसाद को झारखंड हाइकोर्ट से जमानत मिल जाती है, तो जेल से उनके बाहर आने का रास्ता साफ हो जायेगा।
उधर, चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य पर झारखंड हाइकोर्ट ने रिम्स को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। इसके साथ ही जेल मैनुअल उल्लंघन के मामले में कारा महानिरीक्षक व जेल अधीक्षक से भी संयुक्त रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने 9 अक्टूबर को ये आदेश दिये थे। उस दिन अदालत ने लालू प्रसाद को एक मामले में जमानत भी दे दी थी।