भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में आर्थिक सशक्तिकरण अत्यंत आवश्यक है, और इसके लिए युवा पीढ़ी को वित्तीय रूप से जागरूक बनाना महत्वपूर्ण है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए डीपीएस बोकारो में सोमवार को वित्तीय साक्षरता पर एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई. इस कार्यशाला में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के विशेषज्ञों ने शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को वित्तीय जागरूकता और धन प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया.
वित्तीय जागरूकता के महत्व पर जोर
इस कार्यशाला में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के प्रोडक्ट स्पेशलिस्ट भास्कर वर्मा और वित्तीय सलाहकार जे. के. सिन्हा ने निवेश और वित्तीय योजना से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि सुरक्षित भविष्य के लिए व्यवस्थित निवेश आवश्यक है और वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में यह अनिवार्य हो गया है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी वित्तीय योजना को सुव्यवस्थित तरीके से तैयार करे. विशेषज्ञों ने दैनिक वित्तीय लेन-देन, म्यूचुअल फंड, स्टॉक मार्केट, बीमा, निवेश और बैंकिंग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी. भास्कर वर्मा ने बताया कि निवेश किया गया पैसा न केवल व्यक्ति की पूंजी को सुरक्षित करता है, बल्कि यह समय के साथ वृद्धि भी करता है और भविष्य की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करता है. उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति सही तरीके से निवेश करता है, तो उसका धन उसके लिए काम करता है और उसे वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करता है.
शिक्षकों को वित्तीय प्रबंधन की जानकारी दी गई
इस कार्यशाला के दौरान उपस्थित शिक्षकों को बचत की महत्ता, निवेश के लाभ, भारतीय अर्थव्यवस्था में समय के साथ आए बदलाव, महंगाई के विभिन्न कारणों, पैसिव इनकम, लिक्विडिटी, शेयर मार्केटिंग और अन्य वित्तीय पहलुओं पर जानकारी दी गई. भास्कर वर्मा और जे. के. सिन्हा ने बताया कि आज के समय में केवल कमाई करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे सही तरीके से निवेश करना भी उतना ही आवश्यक है. उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश करने से पहले सही जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है, क्योंकि बिना जानकारी के किया गया निवेश जोखिम भरा हो सकता है. बीमा और बचत योजनाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि ये योजनाएं न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि भविष्य में किसी भी आकस्मिक परिस्थिति के लिए भी व्यक्ति को तैयार रखती हैं.
इंटरएक्टिव सत्र में शिक्षकों ने पूछे सवाल
कार्यशाला के दौरान शिक्षकों ने विभिन्न वित्तीय विषयों पर अपने सवाल भी पूछे. विशेषज्ञों ने उनके सभी प्रश्नों का उत्तर देते हुए विस्तृत जानकारी प्रदान की. उन्होंने निवेश से जुड़े विभिन्न मिथकों को भी दूर किया और यह समझाया कि सही वित्तीय योजना और जागरूकता से हर व्यक्ति अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बना सकता है. कार्यशाला के अंत में इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किया गया, जहां शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों ने वित्तीय प्रबंधन से संबंधित अपनी शंकाओं का समाधान पाया. विशेषज्ञों ने अलग-अलग आय वर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त निवेश योजनाओं की जानकारी दी और यह बताया कि कम आमदनी वाले लोग भी सही योजना के माध्यम से वित्तीय सुरक्षा हासिल कर सकते हैं.
विद्यालय के प्राचार्य ने वित्तीय साक्षरता पर दिया जोर
कार्यशाला के अंत में डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने शिक्षकों को संबोधित किया. उन्होंने इस कार्यशाला को वित्तीय मामलों की अद्यतन जानकारी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा कि आज के समय में वित्तीय साक्षरता एक अनिवार्य कौशल बन गया है और शिक्षकों को इसमें पारंगत होकर विद्यार्थियों को भी इस विषय में जागरूक बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को वित्तीय प्रबंधन की समझ होनी चाहिए, ताकि वे भविष्य में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने कार्यशाला में शामिल शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे अपने ज्ञान को विद्यार्थियों तक पहुंचाएं और उन्हें भी वित्तीय साक्षरता के महत्व से अवगत कराएं.